‘ना फंसाते हैं, ना बचाते हैं’, BJP का प्रेशर पॉलिटिक्स; नीतीश फिर मारेंगे पलटी!

पटनाः अपराध और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात कहने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जब से NDA का साथ छोड़ा है, तब से BJP के निशाने पर हैं। नीतीश को बैकफूट पर लाने के लिए कमर कस चुकी BJP महागठबंधन के हर मंत्री और विधायक का अपराधिक रिकॉर्ड जुटाने में लगी है। प्रदेश में घटित होने वाली हर वारदात को जंगलराज की वापसी से जोड़कर प्रचारित किया रहा है। सियासी पंडित भाजपा के इस ऐक्शन को प्रेशर पॉलिटिक्स (Pressure Politics) के नज़रिये से देख रहे हैं। पंडितों का मनना है कि भाजपा ऐसा कर के नीतीश कुमार को फिर से NDA में वापस पाना चाहती है।

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हाल की कुछ सियासी गतिविधियों और BJP के बयानों पर गौर करें, तो राजनीतिक जानकारों के इस विचार को बल भी मिलता है। तारिख 09 अगस्त को नीतीश कुमार ने NDA से अलग होकर महागठबंधन के साथ सरकार बनाने का निर्णय लिया। उसके अगले दिन 10 अगस्त को 8वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, तो ऐसी बातें चर्चा में आने लगी कि अब प्रदेश में जंगलराज आ जाएगा। उसके तीन दिन बाद जब महागठबंधन सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हुआ और बनाए गए मंत्रियों को उनका विभाग सौंपा गया तो प्रेशर पॉलिटिक्स (Pressure Politics) का खेल शुरु हो गया।

कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह पर अपहरण का आरोप

सबसे पहली उंगली RJD कोटे से प्रदेश के कानून मंत्री बने कार्तिकेय कुमार सिंह पर उठी। कार्तिकेय पटना जिले के बिहटा इलाके में हुए राजू बिल्डर अपहरण कांड में आरोपी हैं और इनके खिलाफ बिहटा थाना में कांड संख्या 859/2014 दर्ज है। कार्तिकेय पर कोर्ट से अरेस्ट वारंट भी जारी हुआ है। इन्हें 16 अगस्त को कोर्ट में पेश होना था, लेकिन वे ऐसा नहीं कर के मंत्री पद की शपथ ले रहे थे। इस पर बीजेपी लगातार नीतीश सरकार को घेर रही है।

कृषि मंत्री सुधाकर सिंह पर चावल घोटाले का आरोप

कार्तिकेय सिंह के बाद भाजपा ने RJD कोटे से ही कृषि मंत्री बने सुधाकर सिंह पर लगे आरोंपों का खुलासा किया। सुधाकर सिंह RJD के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं और वे कैमूर जिले के रामगढ़ से विधायक हैं। सुधाकर पर चावल घोटाले का आरोप है। यह घोटाला 2013-14 में हुआ था। उन पर आरोप था कि उन्हों ने चावल जमा नहीं करवाए और उसे गबन कर गए। इसे लेकर नीतीश कुमार की सरकार में ही रामगढ थाने में उन पर केस दर्ज हुआ था। ये मामला न्यायिक दंडाधिकारी की प्रथम अदालत में अब भी लंबित है।

सहकारिता मंत्री सुरेंद्र यादव के बिगड़े बोल

अभी इन दोनों मामलों पर सरकार अपने बचाव का रास्ता ही तलाश रही है कि गया जिले के बेलागंज से RJD विधायक व सरकार में सहकारिता मंत्री सुरेंद्र प्रसाद यादव का एक वीडियो वायल हो गया। वायरल वीडियो में मंत्री मीडिया के लोगों से बात करते दिख रहे हैं। वह अपने काम और व्‍यक्तित्‍व के बारे में लोगों को बता रहे हैं। इस बीच उनकी बगल में बैठा एक शख्‍स मंत्री को कुछ समझाने लगता है, जिससे मंत्री झुंझला जाते हैं और अमर्यादित शब्द बोल जाते हैं। उनके इस वीडियो ने भाजपा को फिर से महागठबंधन पर निशाना साधने का मौका दे दिया है।

प्रदेश में बढ़ते अपराध के लिए RJD दोषी

इनके अलावें प्रदेश में होने वाली वारदातों को भी सरकार की नाकामी बताई जा रही है। हत्या, लूट और दूसरी बड़ी वारदातों को विरोधी RJD के कारण पैदा हुई अराजकता बताने पर तुले हुए हैं। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार अब कठपुतली बन गए हैं, वो धृतराष्ट्र बनकर सब कुछ महसूस करने और सहने से ज्यादा कुछ नहीं कर सकते। उन्हेे RJD के साथ रहकर कुर्सी बचाने के लिए खामोशी से सब कुछ सहना होगा या फिर वापस NDA के साथ आना होगा।

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर महागठबंध से अलग हुए थे नीतीश

आपको बता दें, RJD चीफ लालू यादव के छोटे बेटे और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ बड़े बेटे पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तेजप्रताप यादव पर पहले से ही आरोपों की भरमार है। उन आरोपों को लेकर Pressure politics की वजह से ही नीतीश कुमार साल 2017 में महागठबंधन से अलग होकर NDA के साथ आए थे।

अपने दो मंत्रियों का इस्तीफा ले चुके हैं नीतीश

NDA में वापसी के बाद नीतीश कुमार ने अपने ही दल JDU के कोटे से शिक्षा मंत्री बने मेवालाल चौधरी पर बड़ी कार्रवाई की थी। विपक्षी नेता तेजस्वी यादव द्वारा उंगली उठाए जाने पर उन्हों ने अविलंब मेवालाल का इस्तीफा ले लिया था। चौधरी पर सहायक प्राध्यापक और जूनियर वैज्ञानिकों की नियुक्ति में अनियमितता बरतने के आरोप था। समाज कल्याण मंत्री रहीं मंजू वर्मा का नाम जब मुजफ्फरपुर शैल्टर होम मामले में सामने आया तो नीतीश ने बिना लागलपेट उनका इस्तीफा ले लिया। नीतीश कुमार स्पष्ट तौर पर कहते हैं, “ना हम किसी को फंसाते हैं, ना किसी को बचाते हैं”। ऐसे में BJP जो खेल खेल रही है उसे नीतीश के खिलाफ ‘प्रेशर पॉलिटिक्स’ कहा जा सकता है।

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अभय पाण्डेय
अभय पाण्डेय
आप एक युवा पत्रकार हैं। देश के कई प्रतिष्ठित समाचार चैनलों, अखबारों और पत्रिकाओं को बतौर संवाददाता अपनी सेवाएं दे चुके अभय ने वर्ष 2004 में PTN News के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। इनकी कई ख़बरों ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी हैं।