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पाखंडीयां गठबंधन की सरकार में जर्जर हुई बिहार की शिक्षा व्यवस्था- दिलीप मिश्र

पटनाः भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय प्रभारी दिलीप मिश्र ने कहा है कि कभी विश्व भर में शिक्षा के केन्द्र रहे बिहार की शिक्षा व्यवस्था के हालात पाखंडीयां गठबंधन की सरकार में दिन प्रतिदिन दयनीय होते जा रही है। विद्यालय में ना ब्लैकबोर्ड, ना खली, ना बेंच डेस्क है।और बच्चों को शुद्ध रूप से मिड डे मील भी नही मिल रहा है। स्कूलों के शिक्षकों को अधिकतर समय शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत करने की जगह गैर शैक्षणिक कार्यों में कुशासन की सरकार लगाए रहती है।

दिलीप ने कहा कि जहां विद्यार्थियों के उत्थान के लिए शिक्षा के क्षेत्र में बिहार के उज्ज्वल इतिहास को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दरभंगा में AIIMS, बोधगया में IIM, पटना के बिहटा में NIT बनाया, नालंदा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय को पुनर्जीवित किया, आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी, चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, गया में सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार एवं कई अन्य शिक्षा संस्थानों को मोदी सरकार ने बिहार को दिया है। वही महागठबंधन की सरकार बिहार के शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। बिहार में विद्यालयों की स्थिति जर्जर हो गई है लेकिन इसकी मरम्मत की व्यवस्था भगवान भरोसे छोड़ दी गई है।

दिलीप ने कहा है कि बिहार में शिक्षकों से कभी बोरा बेचने के काम तो कभी कबाड़ी, तो कभी कुछ और, शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों के शिक्षा पर असर पड़ता है और उनके सिलेब्स पूरा नहीं होता है। दूसरी ओर महागठबंधन सरकार का तुगलकी फरमान बिहार में छठ महापर्व की भी नहीं मिलेगी छुट्टी तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति के कारण हिन्दुओं की आस्थाओं को कुचलने से बाज नहीं आ रही है यह ठगबंधन सरकार।

दिलीप का कहना है कि बिहार में लगातार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अभाव में बिहार के बच्चों के भविष्य को खराब करने का काम कर रही है महागठबंधन की सरकार। सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए 20 लाख छात्रों का नाम काट दिया गया महाठगबंधन की सरकार में और बिहार के शिक्षा व्यवस्था को रसातल के गर्त में पहुंचने का काम कर रही है नीतीश सरकार