बिहार में उर्वरकों की कमी पर भाजपा नेता ने सरकार को कहा झूठा, सार्वजनिक किए वास्तविक आंकड़े

पटनाः बिहार भाजपा के आईटी एवं डाटा संकलन प्रभारी दिलीप मिश्र ने प्रदेश में उर्वरकों की कमी के मुद्दे पर बिहार सरकार की जम कर खिचाई की है। मिश्रा ने केंद्र सरकार द्वारा उर्वरक नहीं भेजे जाने के बिहार सरकार के आरोपों के झूठा बताया है।मिश्रा ने दावा किया किया है बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है।

मिश्रा ने सोशल मीडिया पर वास्तविक आंकड़े जारी कर, बिहार के कृषि मंत्री के झूठा करार दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार एकमात्र ऐसा राज्य है जहां मुख्यमंत्री से लेकर कृषि मंत्री तक सब के सब झूठ बोलकर जनता को गुराह करने का काम करते हैं।

उन्होंने आंकडों का हवाला देते हुए कहा कि आज भी राज्य सरकार के पास 1,68,000 टन यूरिया का स्टॉक उपलब्ध है। इतने स्टॉक के बावजूद भी बिहार सरकार के कृषि मंत्री उर्वरकों की कमी का रोना रोते हुए बिहार की जनता से झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि बिहार सरकार में अगर हिम्मत हो तो वह जनता को बताएं कि बिहार सरकार के पास उर्वरक का कितना स्टाक है?

भाजपा प्रदेश आईटी एवं डाटा संकलन प्रभारी दिलीप मिश्र ने कहा कि अगर बिहार सरकार को नहीं मालूम तो मैं यह ब्यौरा दे रहा हूं। उन्होंने यह भी कहा कि एक दिसंबर को वे पुनः आंकडा देंगे कि किस तरह से कृषि मंत्री, कृषि विभाग के पदाधिकारी, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के नेतृत्व में बिहार के किसानों को लूट रहे हैं।

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दिलीप मिश्र ने आंकडा जारी करते हुए कहा कि बिहार में रबी फसल के लिए यूरिया की जरूरत 12.70 लाख मीट्रिक टन है, जिसमें से 1 अक्टूबर से 18 नवंबर तक 3.60 मीट्रिक टन की जरूरत थी जबकि इस दौरान 3.75 लाख एमटी यूरिया उपलब्ध किया गया। इस बीच बिहार सरकार 2.07 लाख एमटी यूरिया ही किसानों को उपलब्ध करा सकी। उन्होंने कहा कि क्लोजिंग स्टॉक में अभी भी 1.68 लाख एमटी यूरिया की उपलब्धता है।

भाजपा नेता ने कहा कि यही स्थिति डीएपी, एमओपी, एनपीके और एसएसपी के साथ भी है। उन्होंने कहा कि रबी सीजन के लिए डीएपी की जरूरत 3.82 लाख एमटी है, जिसमें 1 अक्टूबर से 18 नवंबर तक 1.63 मीट्रिक टन की जरूरत थी जबकि इस दौरान 2.30 लाख एमटी डीएपी उपलब्ध किया गया। इस बीच, बिहार सरकार 1.41 लाख एमटी डीएपी किसानों को उपलब्ध करा सकी। उन्होंने कहा कि क्लोजिंग स्टॉक में अभी भी 0.90 लाख एमटी डीएपी उपलब्ध है।

उन्होंने दावा करते हुए कहा कि बिहार में खाद की कोई कमी नहीं है। हकीकत है कि बिहार सरकार किसानों को ससमय उर्वरक उपलब्ध कराने में असक्षम साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि अपनी कमी छिपाने के लिए मुख्यमंत्री और सरकार झूठ और फरेब कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से ऐसी नौटंकी बंद करने की नसीहत देते हुए कहा कि आपकी पोल अब खुल चुकी है। आप केवल अपने चेहरे चमकाकर न तो प्रधानमंत्री बनने का ख्वाब देख सकते हैं, न ही मुख्यमंत्री बने रह सकते है।

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