सत्ता के लिए जेपी को दिया दगा, JDU-RJD पर बरसे अमित शाह; कांग्रेस को भी घेरा

पटनाः लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 121वी जयंती पर मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह जेपी की जन्मभूमि छपरा के सिताब दियारा पहुंचे। यहां उन्होंने जेपी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया और एक जनसभा को भी संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने लोकनायक की उपलब्धियों पर तो प्रकाश डाला ही साथ ही बिना नाम लिए कांग्रेस, JDU और RJD पर जमकर निशाना भी साधा।

अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधाते हुए कहा कि देश के लिए जेपी ने जो त्याग और योगदान दिया है वह अतुलनिय है। उनका सबसे बड़ा योगदान 1970 के दशक में भ्रष्टाचार और सत्ता में चूर शासनाधिकारियों द्वारा लगाए गए आपातकाल के खिलाफ किया गया आंदोलन रहा।

जेपी के आंदोलन ने बदल दी गुजरात में सत्ता

शाह ने कहा कि 1973 में गुजरात में तत्कालीन सरकार ने सार्वजनिक रूप से सरकार को चंदा उगाहने का काम दिया जिसके चलते भ्रष्टाचार की गंगा शुरू हुई। इसके खिलाफ गुजरात के विद्यार्थियों ने जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में कड़ा आंदोलन किया और गुजरात में सत्ता बदल दी। उसके बाद बिहार में आंदोलन किया गया और पटना के गांधी मैदान की रैली देखकर तत्कालीन प्रधानमंत्री के पसीने छूट गए थे। इसके बाद देश में आपातकाल कि घोषणा कर दी गई और जेपी के साथ-साथ विपक्ष के कई नेताओं को जेल में डाला गया।

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शाह ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री (इंदिरा गांधी) का मानना था कि जेल में डालने से जेपी, मोरारजी भाई, लालकृष्ण अडवाणी  और अटल बिहारी जैसे नेताओं के हौसले पस्त हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में हजारीबाग की जेल जिन्हें न रोक सकी उन जयप्रकाश जी को तत्कालीन प्रधानमंत्री की यातना भी न रोक पाई।

देश की पहली गैर कांग्रेसी सरकार JP की देन

अमित शाह ने कहा कि लोकनायक ने आपातकाल थोपने वाली भ्रष्टाचारी व अन्यायी शासन के विरुद्ध पूरे विपक्ष को एकजुट कर देश में पहली गैर कांग्रेसी सरकार बनाई। जेपी ने सत्ता से बाहर रहकर परिवर्तन करने का एक उत्कृष्ट उदाहरण देश के सामने रखा।

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उन्होने कहा कि जेपी ने देश को संपूर्ण क्रांति का नारा दिया था, लेकिन किसी भी विपक्षी दल ने इसे सफल बनाने का प्रयत्न नहीं किया। देशभर के करोड़ों गरीबों के जीवनस्तर को बेहतर बनाते हुए मोदी जी ने जयप्रकाश नारायण जी के संपूर्ण क्रांति के मंत्र को चरितार्थ करने का काम किया है।

गृह मंत्री ने कहा कि 1974 में जयप्रकाश ने बिहार में जो अराजनीतिक आंदोलन किया उसमें सभी विचारधाराओं के छात्र शामिल हुए थे। जेपी का नाम लेकर राजनीति में आये लोग अब पाला बदलकर जेपी के सिद्धांतों को दरकिनार कर चुके हैं, और आज सत्ता सुख के लिए विपक्ष की सरकार में बैठ गए हैं। शाह ने कहा कि बिहार की जनता को तय करना है कि वह जयप्रकाश के दिखाए हुए रास्ते पर चलने वाले नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार या जेपी के रास्ते से भटक कर सत्ता के लिए गठजोड़ करने वाली सरकार का साथ देगी।

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