मशरक शराब कांडः जब सरकार का तंत्र ठीक है तो, NHRC का विरोध क्यों?- दिलीप मिश्र

पटनाः चोर की दाढ़ी में तिनका.. यह कहावत है लेकिन, बिहार सरकार और जदयू के नेताओं ने जिस तरह से NHRC का विरोध किया है, इससे साफ लगता है कि बिहार सरकार अपने कारनामे को छिपाना चाह रही है। आखिर जब बिहार सरकार दोषी नहीं है तो फिर NHRC की टीम का विरोध क्यों किया जा रहा है? यह कहना है बिहार भाजपा के प्रदेश आईटी एवं डाटा संकलन प्रभारी दिलीप मिश्र का। मिश्र का यह बयान सारण में जहरीली शराब से हुई मौत के बाद NHRC द्वारा जाँच किए जाने को लेकर JDU के विरोध के बाद आया है।

मिश्र का कहना है कि  मशरक में हुए जहरीली शराब कांड में कितने लोग मरे हैं, उसमें बिहार सरकार की क्या संलिप्तता है? यह अब धीरे-धीरे उजागर होने लगी है। मामला सामने आ जाएगा, इसे लेकर अब जदयू के बड़े-बड़े नेता प्रेस कान्फ्रेंस करने लगे हैं। मुख्यमंत्री से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष से लेकर तमाम प्रदेश प्रवक्ताओं की टीम NHRC के विरोध में जुट गई है। अरे भाई, सांच को आंच के क्या? जब आप किसी तरह से दोषी नहीं हैं तो फिर यह घबराहट क्यों? यह डर क्यों?

मिश्र ने कहा कि छपरा जहरीली शराब कांड को लेकर NHRC की टीम ने स्वतः संज्ञान लिया है। उन्होंने पहले बिहार सरकार को इतला कर दी कि वह इस पर जांच करना चाहते हैं। उनकी टीम लगातार लोगों से छपरा में लोगों से मिल रही है। लोगों से जानना चाह रही है कि आखिर शराब की खेप कैसे बिहार पहुंच रहा है? कौन लोग हैं जो शराब पिला रहे हैं? जहरीली शराब बनती कैसे है? इन तमाम चीजों को लेकर जब NHRC की टीम जांच कर रही है तो, फिर बिहार सरकार को या फिर सत्तारूढ़ दल जदयू को इतनी बेचैनी क्यों हो रही है?

मिश्र का कहना है कि बिहार सरकार में शराबबंदी पूरी तरह से फेल है। यहां सामान अर्थव्यवस्था चल रही है। नीतीश कुमार भले अपनी जिद पर अड़े हो लेकिन ऑफ दी रिकॉर्ड जदयू, राजद, कांग्रेस, वाम दल के सभी नेता इस शराबबंदी का विरोध कर रहे हैं। लेकिन,  नीतीश कुमार अपने हठ में लोगों की जान ले रहे हैं। यह छपरा जहरीली शराब कांड पूरी तरह से सुनियोजित हत्याकांड है।

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