IGIMS को कोविड अस्पताल घोषित करे सरकार- डॉ अरुण कुमार

पटनाः बिहार में और खास कर पटना में जिस तरह से बड़ी संख्या में COVID के मामले सामने आ रहे हैं ऐसे में यह जरूरी है कि सरकार इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान (IGIMS) को भी COVID अस्पताल घोषित करे। IGIMS  के पूर्व निर्देशक डॉ अरुण कुमार ने कहा कि IGIMS के पास कोविड के इलाज के लिए उपयुक्त स्वाथ्य सुविधाएं एवं प्रशिक्षित चिकित्सक एवं पारा मेडिकल स्टाफ हैं। इसके अतिरिक्त अत्याधुनिक उपकरण भी सरकार ने क्रय कर इस अस्पताल को दिया। ऐसे में 100 से अधिक ISU और वेंटिलेटर की सुविधा वाला IGIMS एक बेहतर विकल्प है। इसलिए सरकार को उपलब्ध व्यवस्था पर जोर देना चाहिए । पटना AIIMS और NMCH अपनी क्षमता के अनुसार सराहानीय काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी जितनी क्षमता है वह उतना ही भार सह सकते हैं।

सरकार के स्तर से और संगठित प्रयास करने की आवश्यकता है। सरकार की वर्तमान व्यवस्था को अपर्याप्त मानते हुए डॉ अरुण कुमार ने कहा कि शुरू में लॉकडाउन का लक्ष्य था जरुरी आधारभूत संरचनाओं को तैयार करना और अपनी क्षमताओं को बढ़ाना लेकिन इसमें शिथिलता बरती गई। लॉकडाउन  ख़त्म होते ही लोगों  ने भी मान लिया की कोरोना चला गया। अत: जनता ने भी लापरवाही बरती। पटना में आज भी जरुरी मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर, वेंटीलेटर, एवं मानक के अनुरूप PPE किट की किल्लत है। सरकार को पहले से ही जरुरी दवा, ऑक्सीजन सिलेंडर इत्यादि का उपयुक्त भंडारण करना चाहिए था एवं इसकी सूचना आपूर्तिकर्ताओं को चिन्हित करते हुए सभी निजी अस्पतालों एवं जन-साधारण को देनी चाहिए थी।

वर्तमान स्थिति पर डॉ अरुण कुमार ने कहा कि आज चारों तरफ अफरा-तफरी हैं और लोग डरे हुए हैं ऐसे में सरकार को दूसरे राज्य की तरह मोबाइल वैन और अन्य संचार माध्यमों से लोगों को जानकारी देनी चाहिए ताकि सही सूचना सबों तक पहुचें। जनता इस कदर अंधेरे में है कि उन्हें पता ही नहीं है की वो कोविड इलाज के लिए कहां जाए।

निजी अस्पतालों को कोविड इलाज की जिम्मेदारी पर वर्तमान में मेडिपार्क अस्पताल, पाटलिपुत्रा  के मेडिकल डायरेक्टर डॉ अरुण कुमार ने सुझाव दिया कि सरकार को निजी अस्पतालों  से चर्चा कर उनके स्तर और उनकी चिकित्सकीय क्षमता को समझते हुए उन्हें वर्गीकृत  करना चाहिए, ताकि उन्हें उनकी इंफ्रास्ट्रक्चर के आधार पर काम सौपा जा सके।

डॉ कुमार के मुताबिक सरकार को निजी स्वाथ्य के क्षेत्र में काम करने वाले निचले  तबके के लोगों को भी बीमा की सुविधा देना चाहिए। विटामिन सी और आयुष मंत्रालय के द्वारा दी गयी निर्देश पर डॉ अरुण ने बताय की जरुरत से ज्यादा काढ़ा पीने से एसिडिटी हो सकती है वही 500 mg से ज़्यादा विटामिन सी हमारा शरीर नहीं पचा सकता है।  लोगों को भी लापरवाही से बचना चाहिए क्योंकि उनके ऊपर समाज की  जिम्मेदारी है।

मेडिपार्क में कोविड के इलाज की शुरुआत कर दी गई है। वर्तमान में हमने 25 बेड उपलब्ध किये हैं। यहाँ हमने डायलीसिस के साथ ही सभी प्रकार के पैथोलोजी और रेडियोलोजी जांच की भी सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।

अभय पाण्डेय
अभय पाण्डेय
आप एक युवा पत्रकार हैं। देश के कई प्रतिष्ठित समाचार चैनलों, अखबारों और पत्रिकाओं को बतौर संवाददाता अपनी सेवाएं दे चुके अभय ने वर्ष 2004 में PTN News के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। इनकी कई ख़बरों ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी हैं।