वैशाली: बिहार में शराबबंदी के बाद शराब भगवान की तरह हो गई है जो मिलती हर जगह है, लेकिन दिखती नहीं। इस तिलिस्म से पर्दा उठाने के लिए सुबे के DGP गुप्तेश्वर पाण्डेय ने अपने चिरपरिचित अंदाज में एक बड़ा जाल फेंका है। इस जाल में शराब माफियाओं के साथ पुलिस के कुछ अधिकारियों के भी फंसने की उम्मीद है।
जानकारी के मुताबिक DGP के निर्देश पर बुधवार की शाम स्पेशल टीम ने सराय थाना क्षेत्र के एक VIP ढाबे में छापेमारी की है जहां से शराब बेचे जाने के पुख़्ता सुबूत हाथ लगे हैं। विशेष टीम ने उक्त ढाबे से शराब के साथ कुछ लोगों को भी हिरासत में लिया है, जिनसे पुलिस प्रमुख ने खुद पूछताछ की हैं।
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दरअसल DGP को सूचना मिली थी कि सराय थाने से कुछ मीटर की दूरी पर एक ढाबे में शराब बेची जा रही है। सूचना पाकर उन्होंने एक विशेष टीम तैयार की और टीम के साथ खुद भी सराय पहुंच गए। स्थानीय पुलिस को भनक लगे बिना उन्होने उक्त ढाबे में छापेमारी करवाइ।
छापेमारी में बरामद शराब और गिरफ्तार लोगों को लेकर DGP सराय थाने पहुंचे और लगभग एक घंटे तक थाने में बैठे रहे। उन्होंने शराब के साथ ढ़ाबा से पकड़े गये एक-एक आदमी से बारी बारी से पूछताछ की और ये जानने की कोशिश की कि आखिरकार फोर लेन सड़क पर थाने से कुछ दूरी पर चल रहे ढ़ाबा में शराब किनके संरक्षण बेची जा रही थी।
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इस बीच DGP के आने और इतनी बड़ी छापेमारी की खबर जब स्थानीय पुलिस को लगी, तो जिले के एसपी और दूसरे बड़े अधिकारी थाने पहुंचे, लेकिन थानेदार थाना छोड़ कर फरार हो गये।
मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए DGP ने साफ कर दिया है कि आने वाली सुबह वैशाली पुलिस के लिए ठीक नहीं होने वाली, दोषी पुलिस वालों पर गाज गीरनी तय है, जिसमें थाना प्रभारी भी शामिल हो सकते है। डीजीपी ने इस मामले में सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है, फिलहाल पूरे मामले की विस्तृत जांच पड़ताल की जा रही है।