नई दिल्ली: देश में बेईमानी करने वालों पर लगाम कसने के लिए केन्द्र सरकार जल्द ही कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट- 2019 लागू करने जा रही है। सूत्रों के हवाले से सामने आ रही ख़बरों के मुताबिक सोमवार तक यह अधिनियम देश भर में लागू कर दिया जाएगा। कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट- 2019 (Consumer protection act- 2019) को लागू करने के लिए गुरुवार को ही अधिसूचना जारी की जा चुकी है।
कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट- 2019 (Consumer protection act- 2019) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 1986 की जगह लेगा। नए कानून के तहत, ग्राहकों को पहली बार नए अधिकार मिलेंगे। इस अधिकार के तहत उपभोक्ता अपनी सुविधानुसार किसी भी कंज्यूमर कोर्ट में मामला दर्ज कर सकते हैं। इससे पहले के उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम- 1986 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं था।
बता दें कि पहले कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट- 2019 जनवरी के महीने में लागू होना था, लेकिन किसी कारणवश लागू नहीं हो सका। फिर तारीख बढ़ाकर मार्च कर दी गई। कोरोना का प्रकोप देश में मार्च के महीने से शुरू हुआ था और तब इसे लॉकडाउन के कारण लागू नहीं किया गया था। अब
जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार ने एक्ट में कई अहम बदलाव किए हैं। इसके लागू होने के बाद, अगले 50 वर्षों के लिए देश में कोई अन्य कानून बनाने की आवश्यकता नहीं होगी। यह कानून लागू होने के बाद, उपभोक्ता से संबंधित शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई शुरू हो जाएगी। विशेष रूप से अब, कंपनियों द्वारा ऑनलाइन कारोबार में उपभोक्ताओं के हितों की अनदेखी की जा सकती है।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम -2019 की विशेषताएं-
- नए कानून में ऑनलाइन और टेलिशॉपिंग कंपनियां शामिल हैं।
- खाने-पीने की चीजों में मिलावट के लिए कंपनियों पर जुर्माना और जेल का प्रावधान।
- PIL उपभोक्ता फोरम में दायर की जा सकती है।
- उपभोक्ता मध्यस्थता प्रकोष्ठ का गठन, जिससे दोनों पक्ष आपसी सहमति से मध्यस्थता सेल में जा सकेंगे।
- उपभोक्ता फोरम में एक करोड़ तक के मामले।
- राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में एक करोड़ से दस करोड़।
- राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में दस करोड़ से ऊपर के मामलों की सुनवाई।
- कैरी बैग पैसे इकट्ठा करने के लिए गलत।
- सिनेमा हॉल में अगर खाने-पीने की चीजों पर ज्यादा पैसे लेने वालों की शिकायत मिलती है, तो कार्रवाई की जाएगी।