जयपुरः राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार पर फिर से राजनीतिक संकट मंडरा सकता है। बताया जा रहा है कि सचिन पायलट ने अपने खेमे के विधायकों की बैठक 10 जून को बुलाई है। पायलट गुट के सक्रिय होने के बाद सीएम अशोक गहलोत कैंप में भी हलचल शुरू हो गई है। पायलट की बैठक की टाइमिंग को लेकर कांग्रेस में हड़कंप मचा हुआ है।
डेढ़ दर्जन विधायक सचिन पायलट के साथ
सचिन के साथ राजस्थान कांग्रेस के करीब डेढ़ दर्जन से अधिक विधायक हैं। ये सभी पिछली बार उनके संग हरियाणा भी गए थे। कहा जा रहा है कि अब गहलोत सरकार के 2 और मंत्रियों ने पायलट को समर्थन दिया है। पिछले दिनों इन मंत्रियों की पायलट से मुलाकात भी हो चुकी है।
किए गए वादे पूरे नहीं होने पर सचिन पायलट नाराज
राजस्थान में पिछले वर्ष सचिन पायलट खेमे की बगावत के बाद बनी कांग्रेस की 3 सदस्यीय सुलह कमेटी की अब तक रिपोर्ट नहीं आने पर कांग्रेस में एक बार फिर विरोध के सुर उठने शुरू हो गए हैं। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने उनसे किए गए वादे पूरे नहीं होने पर नाराजगी जताई है। पायलट ने खुलकर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि 10 महीने हो गए हैं और उनसे किए वादे पूरे नहीं किए गए हैं। पायलट ने कहा, ‘मुझे समझाया गया था कि सुलह कमेटी तेजी से एक्शन लेगी लेकिन आधा कार्यकाल पूरा हो चुका है और वे मुद्दे अब भी अनसुलझे ही हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी को सत्ता में लाने के लिए रात-दिन मेहनत की और अपना सब कुछ लगा दिया उनकी सुनवाई ही नहीं हो रही है।’
कांग्रेस में चर्चाओं का बाजार गर्म
पायलट का बयान ऐसे वक्त आया है जब उनके समर्थक हेमाराम चौधरी ने इलाके के विकास के कामों की अनदेखी के मुद्दे पर 18 मई को इस्तीफा दे दिया था। वहीं दो दिन पहले पायलट खेमे के विधायक पीआर मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बजट की 3 महीने बाद जमकर तारीफ की। कहा जा रहा है कि यह बयान सीएम के दबाव में दिया गया था।
राजस्थान कांग्रेस में फिर से बगावत की बू
कांग्रेस में फिर बगावत की बू आने लगी है। सरकार को अपनी एजेंसियों से इस बात का इनपुट मिला है कि कुछ विधायक फिर से दिल्ली जाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके मिलने के बाद सरकार चौकन्नी हो गई है। सरकार के एक सीनियर ब्यूरोक्रेट ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पिछली बार की तरह सेंधमारी रोकने के लिए सरकार इस बार भी अपनी सीमाओं को सील करने के आदेश जारी करने की तैयारी में है।
फिर से दिल्ली जाने की तैयारी में विधायक, सीमा सील करने की तैयारी में गहलोत सरकार
पिछले साल भी पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट बगावत कर अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली जा बैठे थे। कुछ और विधायक भी दिल्ली जाने की तैयारी में थे कि ऐन वक्त पर सरकार ने कोरोना का हवाला देते हुए सीमाएं सील कर दीं। गहलोत ऐन वक्त पर सीमाएं सील करने का फैसला नहीं लेते तो 5-7 और विधायक दिल्ली चले जाते और सरकार संकट में आ जाती।
राजस्थान और पंजाब के हालात करीब-करीब एक जैसे
राजस्थान और पंजाब के हालात करीब-करीब एक जैसे हैं। यहां सीएम अशोक गहलोत और पायलट के बीच विवाद है, जबकि पंजाब में सीएम अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू आमने-सामने हैं। प्रदेश में 10 महीने पहले सुलह कमेटी बनी थी, लेकिन अब तक अपनी रिपोर्ट नहीं दे पाई। वहीं, पंजाब में 29 मई यानी सिर्फ 10 दिन पहले ही बनी सुलह कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी। अब माना जा रहा है कि सिद्धू और उनके समर्थकों को अब पंजाब सरकार की सत्ता में अहम हिस्सेदारी मिल जाएगी। दलितों को भी महत्व मिल सकता है। क्योंकि भाजपा ने दलित सीएम व अकाली ने दलित डिप्टी सीएम का पासा फेंका है।
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