पटनाः बिहार नहीं संभलता तो नीतीश कुमार जी को चाहिए कि अब गद्दी खाली कर दें। उनका स्वघोषित सुशासन दम तोड़ चुका है। बेवजह अपनी कामयाबी का ढोल पिटने से अब हकीकत नहीं छिपने वाली। सरकार पुरी तरह विफल हो गई है। यह कहना है लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान का। पासवान का यह बयान सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बिहार की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाये जाने के बाद आया है।
मंगलवार को लोजपा (रा) अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि किसी सरकार के लिए इससे बड़ी शर्मनाक बात क्या हो सकती है कि देश की सर्वोच्च अदालत उसे कटघरे में खड़ा कर बताती हो कि उसके प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था बीमार है। उन्होंने कहा कि यहां पैसे लेकर ट्रांसफ़र-पोस्टिंग और नौकरी देने का जो खेल चल रहा है, उसी का देन है कि यहां के सरकारी अस्पतालों में अयोग्य और बिना पंजीकृत लोग भी फर्जी रुप से फार्मासिस्ट व डॉक्टर बन बैठे हैं।
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पासवान ने कहा कि बिहार में अस्पतालो की स्थिति इस कदर बद से बदतर हो चुकी है कि वहां लोगों का समुचित इलाज कदापि संभव नही है। गरीब तबके के लोग अगर अस्पताल जाते भी हैं तो वह उनकी मजबूरी है, लेकिन यदि थोड़े भी सक्षम हैं, तो लोग सरकारी अस्पताल नहीं जाना चाहते।
नीतीश को भी अपने अस्पतालों पर भरोसा नहीं
पासवान ने कहा कि आम जनता की बात तो छोड़ ही दीजिए बिहार के मुख्यमंत्री को ही खुद अपने डॉक्टरों और स्वास्थ्य व्यवस्था पर भरोसा नहीं है, इसलिए आँख का ऑपरेशन करवाने उन्हें दिल्ली जाने को मजबूर होना पड़ता है, जो बेहद अफसोसजनक है।
इस मुद्दे पर चिराग ने साथा नीतीश पर निशाना
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बिहार के सरकारी अस्पतालों में अप्रशिक्षित कर्मियों से दवा वितरण कार्य कराए जाने पर प्रदेश सरकार को जमकर फटकार लगाई थी। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा था कि अप्रशिक्षित कर्मियों को दवा वितरण से संबंधित काम की जिम्मेदारी देना खतरे से भरा है। अदालत ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग के दृष्टिकोण पर आपत्ति जताते हुए पूछा था, “यदि कोई अप्रशिक्षित व्यक्ति गलत दवा या दवा की गलत खुराक देता है, और इसका परिणाम कुछ गंभीर होता है, तो कौन जिम्मेदार होगा?”