रोहतासः जब बात महिलाओं के सम्मान की हो, तो उसकी नुमाइश नहीं वंदना ही होनी चाहिए, उसे भरी महफिल में मनोरंजन का सामान नही बनाया जाना चाहिए। लेकिन ये बात उस समाज को कौन समझाए, जो आज भी महिलाओं को महज़ इस्तेमाल की वस्तु भर समझता हैं। बात जिले के नोखा नगर पंचायत की है, जहां रविवार की शाम शहर के बुद्धन चौधरी स्मारक उच्च विद्यालय में वार्ड पार्षदों की तरफ से होली मिलन समारोह एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया था।
महिला दिवस पर वार्ड पार्षदों ने विद्यालय प्रांगण में बारबालाओं को नचाया
चुंकि रविवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस था इसलिए होली मिलन समारोह की शुरूआत मुख्य पार्षद पम्मी वर्मा और जदयू नेता आलोक सिंह ने महिलाओं के सम्मान मे क़ासीदे गढ़ कर किए। लेकिन जिस मंच से मुख्य पार्षद पम्मी वर्मा और आलोक सिंह ने महिला सशक्तिकरण की बात कही, उनके जाने के बाद उसी मंच पर वार्ड पार्षद और उनके संवेदकों ने रात भर महिलाओं को बार बालाओं के रुप में नचाया।
कई वार्ड पार्षद और प्रबुद्ध नागरिक महफिल छोड़ चले गए
पहले मंच से महिलाओं के सम्मान की बात कही फिर उनकी नुमाइश, इस दोहरे चरित्र को लेकर मौजूद कई लोगों ने आपत्ति भी जताई। लेकिन वाहवाही लूटने के चक्कर में पार्षदों के रिस्तेदार यानी संवेदकों ने उनकी आपत्ति को नजरअंदाज कर दिया। भावनाओं को तार-तारकर परंपरागत गितों पर झूमने वाली महफिल में महिलाओं को मनोरंजन का सामान बनाकर परोस दिया गया। मजबूरन आपत्ति जताने वाले लोग बार बालाओं के स्टेज पर आने के साथ ही महफिल छोड़कर चले गए।
15 वार्डों वाले नगर पंचायत नोखा में मुख्य पार्षद समेत कुल 7 पार्षद हैं महिला
यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि जिस कार्यक्रम का आयोजन वार्ड पार्षदों की तरफ से किया गया, उस कार्यक्रम में कई वार्ड पार्षदों ने शिरकत ही नहीं की। इनमें मुख्य पार्षद पम्मी वर्मा को छोड़ दें तो वो 6 अन्य वार्ड पार्षद शामिल हैं जो महिला हैं और आज भी घर के चुल्हा-चौका तक ही सीमित हैं।
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वार्ड में महिला पार्षदों की नहीं, उनके रिश्तेदार की चलती है मर्जी
आपको बता दें 15 वार्डों वाले नोखा नगर पंचायत में कुल 7 वार्डों की पार्षद इस वक्त महिलाएं हैं, जो रबर स्टांप बनकर सिर्फ कागज पर पद संभालती हैं और उनके पति या बेटे या दूसरे रिश्तेदार समाज में अपनी शेखी बघारते फिरते हैं। कई लोग तो ये तक नहीं समझ पाते कि उनके वार्ड पार्षद वास्तव में है कौन।
पूर्व उपमुख्य पार्षद जमील अंसारी ने बताया शर्मनाक
बहरहाल, इस पूरे मामले पर पुर्व उपमुख्य पार्षद जमील अंसरी ने कहा कि होली मिलन समारोह सह महिला सम्मान के नाम पर जो कुछ भी हुआ वो कहीं से एक सभ्य समाज को शोभा नहीं देता। उन्होने मुख्य पार्षद पम्मी वर्मा को इसका जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि वर्माजी खुद एक महिला हैं लिहाजा उनको ये पता है कि एक महिला का सम्मान क्या होता है। उनकों महिलाओं के सम्मान की भी परवाह करते हुए कतई ऐसे आयोजन में सहभागीता नहीं निभानी चाहिए थी।
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मुख्य पार्षद पम्मी वर्मा को ठहराया जिम्मेदार
जमील अंसारी का कहना है कि स्थानीय स्तर पर एक पार्षद का दायित्व समाज की जरूरतों को पुरा करवाने के साथ ही उसको सही रास्ता दिखाना होता है, लेकिन जिस तरह से महिला दिवस के दिन ही एक विद्यालय के प्रांगण में अपने मनोरंजन के लिए बार बालाओं को नचाया गया बेहद शर्मिंदगी वाली बात है। बकौल अंसारी बारबालाएं भी किसी की बेटी-बहु ही हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उनके लिए भी है, उनको भी सम्मान पाने का हक है।