थाने के बैरक में छुपाई थी शराब की पेटियां, चार पुलिसवालों के साथ एक अन्य गिरफ्तार

News Stump
Advertisements

नालंदाः बिहार में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है। यहां शराब पिना, पिलाना और रखना तीनो कानूनन अपराध हैं, लेकिन जब इस पर निगरानी रखने वाली पुलिस ही शराब का कारोबारी बन जाए, तो काहे का शराबबंदी और काहे का कानून। ताजा मामला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले के हरनौत थाने का है। यहां थाना बैरक से 5 कार्टून शराब बरामद किया गया है।

बैरक से शराब मिलने के बाद चार पुलिसकर्मियों समेत पांच लोगों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तार लोगों में 1 हवलादार, 3 सिपाही और एक अन्य शामिल है। इन सभी की गिफ्तारी नालंदा एसपी के आदेश पर हुई है। सभी गिरफ्तार पुलिसकर्मियों को जेल भेज दिया गया है।

दरअसल, नालंदा एसपी को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ पुलिस वाले थाने के बैरक में शराब का भंडारण कर उसका कारोबार कर रहे हैं। सूचना के आधार पर जब बैरक में छापेमारी की गई तो छुपाकर रखे गए पांच कार्टून शराब बरामद हुए।

कहा जा रहा है कि बरामद शराब धंधेबाजों के पास से जप्त किए गए थे, जिसे यहां रखा गया था।  लेकिन थाना पंजी में जप्त शराब का पूरा ब्योरा नहीं दिया गया। जितना बरामद किया गया था उसके जगह पर कम बोतल व कार्टून दिखाया गया और बाकी बचे हुए शराब को पीने के लिये छुपा लिया गया।

बहरहाल शराबबंदी के बाद यह कोई पहला मामला नहीं जब शराब पिने-पिलाने में पुलिसवालों की संलिप्तता सामने आई है। इससे पहले भी इस तरह के मामलों में पुलिसवालों पर कार्रवाई हुई है। अब सवाल ये उठता है कि सपथ दिलाकर नीतीश जी ने जिन पुलिसवालों के भरोसे पूर्ण शराबबंदी का ख्वाब देखा है क्या वो पुलिस उनके साथ हैं ?

Advertisements

Share This Article
Follow:
With the system... Against the system
Leave a Comment