स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय के गृह जिला में कोरोना पर डॉक्टरों की लापरवाही उजागर

पटनाः कोरोना को लेकर एक तरफ जहां सरकार लोगों से सजग और सतर्क रहने की अपील कर रही है वहीं दूसरी तरफ उसके नुमाईंदे इसका पलीता लगाने में जुटे हुए हैं। मामला बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय के गृह जिला सिवान से जुड़ा है। यहां एक युवक ने सदर अस्पताल के डॉक्टरों पर कोरोना को लेकर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। युवक का कहना है कि जब वह कोरोना टेस्ट के लिए अस्पताल गया तो डॉक्टरों ने जांच से इनकार कर दिया।

जानकारी के मुताबिक असाव थाना क्षेत्र के मनिया गांव निवासी सुरेश प्रसाद का 30 वर्षीय पुत्र दीपक कुमार गुप्ता केनया में रहता है। कोरोना संकट के वक्त वह जब कोनया से अपने घर लौटा तो एहतियातन गांव और घर लोगों ने उसे कोरोना टेस्ट कराने के लिए सदर अस्पताल सिवान भेज दिया।

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परिजनों के साथ जब दीपक सदर अस्पताल गया और वहां मौजूद डॉक्टर से कोरोना की जांच करने को कहा, तो डॉक्टर ने यह कहकर चलता कर दिया कि जब कोरोना का लक्षण दिखे, तो हॉस्पीटल आइयेगा। जब तक लक्षण नहीं दिखे तब तक जांच नहीं होगी।

हाथ-पैर मारकर थक चुके दीपक और उसके परिजन इससे पहले कि अपने घर वापस लौटते, बात की भनक कुछ मीडियाकर्मियों को लग गई। मीडियाकर्मिंयों ने सिधे सिविल सर्जन से बात की और पूरी जानकारी दी। जानकारी पाकर सिविल सर्जन ने डॉक्टरों को तत्काल युवक की जांच करने को कहा तब जाकर उसकी की जांच हो सकी।

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बहरहाल, मीडिया की तत्परता से आज एक दीपक की जांच तो हो गई, लेकिन दीपक जैसे न जाने ऐसे कितने युवक हैं जिनकी जिंदगी कोरोना के खौफ तले सुबक रही है। अब सवाल ये उठ रहा है कि जिस तेजी से कोरोना बिहार में पांव पसार रहा है वहां इस तरह की लापरवाही से कोरोना को फैलने से कैसे रोका जा सकता है।