पटनाः कोरोना के अनियंत्रित प्रकोप को देखते हुए रविवार को केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन-4 (Lockdown-4) की घोषणा की गई। लॉकडाउन-4 में रेड जोन, ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन के अलावें दो नए जोन कंटेनमेंट और बफर जोन को भी शामिल किया है। स्थिति को देखते हुए जोन तय करने का अधिकार केंद्र ने इस बार राज्यों को दे दिया है। बात बिहार की करें तो यहां जिला मुख्यालयों को छोड़कर सभी प्रखंड मुख्यालय रेड जोन होंगे। वहां तमाम पाबंदियां पूर्वत ही लागू रहेंगी जो पहले से निर्धारित हैं। बिहार में ग्रीन जोन नहीं होगा।
लॉकडाउन-4 (Lockdown-4) को लेकर गृह विभाग बिहार की ओर से जारी गाइडलाइंस में कहा गया है कि सूबे के सभी प्रखंड मुख्यालयों में बाहर से आ रहे मजदूरों को रखा जा रहा है, ऐसे में वहां संक्रमण का खतरा अन्य दूसरे क्षेत्रों से ज्यादा है, लिहाजा सभी प्रखंड मुख्यालयों को रेड जोन घोषित किया गया है।
संक्रमण की संभावनाओं के मद्देनज़र रेड जोन में अति आवश्यक वस्तुओं की दुकानें छोड़ दें तो वो तमाम पाबंदियां लागू रहेंगी जिसे सरकार पहले ही तय कर चुकी है। रेड जोन में जरूरी सामानों की जिन दुकानों को खोलने की अनुमती है उन पर पूरी तरह नियंत्रण जारी रहेगा। इसके अलावें बिहार सरकार ने सभी कंटेनमेंट जोन में वो तमाम पाबंदिया बरकरार रखी हैं जो पहले से लगायी गयी थीं।
सरकार ने Lockdown-4 में रेड और कंटेनमेंट जोन के अलावा बाकी सभी इलाकों को एक ही जोन में रखा है। रेड जोन और कंटेनमेंट जोन में आवश्यक सामानों के अलावा कपड़े की दुकानों को खोले जाने की अनुमति दी गयी है, लेकिन खरीददारी करने की मंजूरी अपने घर के पास की दुकानों में ही होगी। दुकानें किस तरह से खुलें ताकि वहां ज्यादा भीड़ न हो यह तय करने की जिम्मेदारी जिलाधिकारीयों की होगी।
इसके अलावें बिहार सरकार ने ओला, उबर समेत दूसरी टैक्सियों को चलने की इजाजत दी है, लेकिन ये सुविधाएं केवल मरीजों और ट्रेन से आने वाले यात्रियों के लिए ही होंगी। रिक्शा, ई रिक्शा और ऑटों के बारे में परिवहन विभाग अलग से दिशा निर्देश जारी करेगा।
राज्य सरकार ने प्रदेश में निजी दफ्तरों को खोलने की अनुमति दी है, लेकिन एक दिन में सिर्फ 33 फीसदी कर्मचारी ही काम पर आयेंगे। वहीं, सरकारी दफ्तर में पहले जैसे नियम लागू रहेंगे।
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