अब चीन और पाकिस्तान की खैर नहीं, आज वायुसेना में औपचारिक रुप से शामिल होगा राफेल

नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद को लेकर बढ़ते तनाव के बीच पांच राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप को गुरुवार को अंबाला एयरबेस पर औपचारिक रूप से वायुसेना में शामिल किया जाएगा। कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, फ्रांस के उनकी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत वायुसेना प्रमुख आर के एस भदौरिया और रक्षा सचिव अजय कुमार शिरकत करेंगे।

वायुसेना के एक प्रवक्ता ने इस कार्यक्रम को इतिहास का बेहद महत्वपूर्ण और मील का पत्थर करार देते हुए कहा, ‘कार्यक्रम के दौरान राफेल विमान का औपचारिक अनावरण किया जाएगा। पारंपरिक ‘सर्वधर्म पूजा’ की जाएगी और राफेल और तेजस विमान हवाई करतब दिखाएंगे।’

राफेल के वायुसेना में शामिल किए जाने की जानकारी देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘कल (गुरुवार) सुबह 10 बजे अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर राफेल एयरक्राफ्ट को आधिकारिक तौर पर भारतीय वायुसेना में शामिल कर लिया जाएगा। एयरक्राफ्ट 17वें स्क्वॉड्रन ‘Golden Arrows’ का हिस्सा होगा। राफेल जेट पिछले 2 दशकों में भारत की सबसे बड़ी फाइटर जेट्स की खरीद है।’

राफेल विमानों का निर्माण फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन ने किया है। वायुसेना के प्रवक्ता विंग कमांडर इंद्रनील नंदी ने कहा कि राफेल विमानों को बल के 17वें स्क्वॉड्रन में शामिल करने से पहले उन्हें पानी की बौछारों से पारंपरिक सलामी दी जाएगी। 29 जुलाई को पहली खेप के तहत पांच राफेल विमान भारत लाए गए थे। भारत ने लगभग चार साल पहले
फ्रांस से 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल विमान खरीदने का सौदा किया था।

अगले दो साल में सारे 36 राफेल एयरफोर्स को मिलेंगे और इससे एयरफोर्स की दो फाइटर स्क्वॉड्रन बनेगी। पहली स्क्वॉड्रन वेस्टर्न सेक्टर में यानी अंबाला में होगी और दूसरी स्क्वॉड्र्न पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में होगी जो चीन बॉर्डर पर पैदा हुआ खतरों से निपटेगी।