नई दिल्लीः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार को बड़ा तोहफा देने वाले हैं। डिजिटल माध्यम से मत्स्य सम्पदा योजना का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी आज गुरूवार को सीतामढ़ी में मछली ब्रूड बैंक और किशनगंज में एक्वाटिक डिजीज रेफरल प्रयोगशाला की स्थापना की घोषणा करने वाले हैं। जिसके लिए PMMSY के तहत सहायता प्रदान की गई है।
जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक ये सुविधाएं मछली किसानों के लिए सस्ती दर पर गुणवत्तापूर्ण मछली बीज की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित कर मछली उत्पादन और उसकी उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेंगी। साथ ही मछलियों के रोग निदान के साथ-साथ पानी और मिट्टी की परीक्षण सुविधाओं की आवश्यकता को भी पूरा करेंगी।
इसके अलावें प्रधानमंत्री नीली क्रांति के तहत मधेपुरा में फिश फीड मिल की एक इकाई और पटना में ‘फिश ऑन व्हील्स’ की दो इकाइयों का भी उद्घाटन करेंगे। वे इस अवसर पर लाभार्थियों के साथ बातचीत भी करेंगे। वे पूसा स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में व्यापक मछली उत्पादन प्रौद्योगिकी केंद्र का भी उद्घाटन करेंगे।
प्रधानमंत्री बिहार के पूर्णिया में ‘राष्ट्रीय गोकुल मिशन’ के तहत स्थापित की गई अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त वीर्य केंद्र (सीमेन स्टेशन) का उद्घाटन करेंगे। यह केंद्र बिहार सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई 75 एकड़ भूमि पर 84.27 करोड़ रुपये के निवेश से स्थापित किया गया है। यह सरकारी क्षेत्र के सबसे बड़े वीर्य केंद्रों में से एक है जिसकी उत्पादन क्षमता 50 लाख वीर्य खुराक प्रति वर्ष है। यह वीर्य केंद्र बिहार की स्वदेशी नस्लों के विकास एवं संरक्षण को भी नया आयाम देगा और इसके साथ ही पूर्वी एवं पूर्वोत्तर राज्यों की वीर्य खुराक की मांग को पूरा करेगा।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत पटना स्थित पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में स्थापित आईवीएफ लैब का उद्घाटन करेंगे। बता दें शत-प्रतिशत अनुदान सहायता के जरिए देश भर में कुल 30 ईटीटी और आईवीएफ लैब स्थापित की जा रही हैं। ये लैब देशी नस्लों के बेहतरीन पशुओं का वंश बढ़ाने और इस प्रकार दूध उत्पादन एवं उत्पादकता को कई गुना बढ़ाने की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
बेगूसराय जिले में बरौनी मिल्क यूनियन द्वारा राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत कृत्रिम गर्भाधान में लिंग पृथक्कृत वीर्य के उपयोग का भी शुभारंभ प्रधानमंत्री करेंगे। बता दें ‘IA’ में लिंग पृथक्कृत वीर्य के उपयोग के जरिए 90% से भी अधिक सटीकता के साथ केवल मादा बछड़ों का ही जन्म सुनिश्चित किया जा सकता है। इससे देश में दूध उत्पादन की वृद्धि दर को दोगुना करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री किसान के घर की चौखट पर आईवीएफ तकनीक के प्रदर्शन का भी शुभारंभ करेंगे। इससे अत्यंत तेज दर से अधिक प्रजनन क्षमता वाली पशुओं की संख्या को कई गुना बढ़ाने की प्रौद्योगिकी का प्रचार-प्रसार होगा क्योंकि इस प्रौद्योगिकी के उपयोग के जरिए वे एक वर्ष में 20 बछड़ों को जन्म दे सकती हैं।