नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा समाप्त हो गई है। पीएम मोदी की यह बैठक करीब साढ़े तीन घंटे तक चली। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यह पहली ऐसी बैठक है जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की।
इस बैठक को जम्मू-कश्मीर के विकास और लोकतंत्र को मजबूती देने की दिशा में एक बहुत ही सकारात्मक प्रयास माना जा रहा है। बैठक बहुत ही अच्छे वातावरण में हुई। जारी विज्ञप्ति के मुताबिक बैठक में शामिल सभी दलों के नेताओं ने भारत के लोकतंत्र और भारत के संविधान के प्रति पूरी निष्ठा जताई।
प्रधानमंत्री ने पूरी गंभीरता के साथ हर पक्ष, हर तर्क, हर सुझाव को सुना और उन्होंने इस बात को सराहा कि सभी जनप्रतिनिधियों ने खुले मन से अपनी-अपनी बात रखी। पीएम मोदी ने बैठक में दो बड़ी बातों पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को grassroot तक ले जाने के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। दूसरा, जम्मू-कश्मीर में all round विकास हो, हर इलाके, हर समुदाय तक विकास पहुंचे, इसके लिए साझेदारी हो और जनभागीदारी का एक माहौल बनाया रखा जाए, ये जरूरी है।
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने इस बात को भी रखा कि जम्मू-कश्मीर में पंचायती राज से लेकर दूसरे स्थानीय निकायों से जुड़े सभी चुनाव सफलतापूर्वक हो चुके हैं। सुरक्षा से जुड़े हालात भी बेहतर हो रहे हैं। पंचायत चुनावों के बाद करीब बारह हजार करोड़ रुपये सीधे-सीधे पंचायतों के पास पहुंचे हैं। इससे गांव में विकास की रफ्तार को गति मिली है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जुड़े अगले महत्वपूर्ण कदम, यानि विधानसभा चुनाव की तरफ हमें मिलकर जाना है। इसके लिए डिलिमिटेशन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करना होगा। ताकि हर क्षेत्र, हर वर्ग को पर्याप्त राजनीतिक प्रतिनिधित्व विधानसभा में प्राप्त हो सके। विशेष रूप से दलितों, पिछड़ों, जनजाति क्षेत्रों के साथियों को एक उचित प्रतिनिधित्व देना आवश्यक है।
डिलिमिटेशन की इस प्रक्रिया में सभी की हिस्सेदारी हो, इसको लेकर के बैठक में विस्तार से बातचीत हुई। बैठक में मौजूद सभी दलों ने इस प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए सहमति जताई है।
आज की बैठक में प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर को शांति और समृद्धि के पथ पर ले जाने के लिए ऐसे ही सभी stakeholders को मिलकर साथ चलना होगा। उन्होंने कहा आज जम्मू-कश्मीर हिंसा के कुचक्र से बाहर निकल कर स्थिरता की तरफ बढ़ रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की जनता में एक नयी आशा जगी है, नया आत्मविश्वास आया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें इस आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए, इस भरोसे को और मजबूत करने के लिए दिन-रात मेहनत करनी होगी, साथ मिलकर काम करना होगा। बैठ में गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति, परिस्थिति और बेहतर होते हालात से सभी नेताओं को परिचित कराया।