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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने की गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से बातचीत

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से बातचीत की। इस दौरान पिचाई ने प्रधानमंत्री को COVID-19 के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने में मदद करने के साथ-साथ इस संबंध में विश्वसनीय जानकारियां प्रदान करने के लिए गूगल द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की ठोस पहल पर लॉकडाउन करने के मजबूत कदम ने महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई की अत्‍यंत सुदृढ़ नींव रखी।

प्रधानमंत्री ने भ्रामक सूचनाओं की गंभीर समस्‍या से निपटने और महामारी से जुड़ी आवश्यक सावधानियों के बारे में लोगों को सटीक जानकारियां देने में गूगल द्वारा निभाई गई अत्‍यंत सक्रिय भूमिका की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी का और अधिक लाभ उठाने के बारे में भी चर्चा की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी के अनुरूप स्‍वयं को ढालने के साथ-साथ बड़ी तेजी से इसे अपना रहे हैं। उन्होंने प्रौद्योगिकी से किसानों के लाभान्वित होने और कृषि क्षेत्र में आर्टिफि‍शियल इंटेलिजेंस (AI) के संभावित व्यापक फायदों के बारे में चर्चा की। प्रधानमंत्री ने आभासी प्रयोगशालाओं या वर्चुअल लैब के आइडिया को भी रेखांकित कि‍या, जिसका उपयोग विद्यार्थि‍यों के साथ-साथ किसानों द्वारा भी किया जा सकता है। सुंदर पिचाई ने प्रधानमंत्री को देश में गूगल के नए उत्पादों और विभिन्‍न पहलों से भी अवगत कराया। उन्होंने बेंगलुरू में एआई रिसर्च लैब का शुभारंभ किए जाने का उल्लेख किया और इसके साथ ही गूगल के बाढ़ पूर्वानुमान संबंधी प्रयासों के अनगिनत लाभों पर भी प्रकाश डाला।

इस दौरान प्रधानमंत्री को एक बड़ा निवेश कोष लॉन्‍च करने के साथ-साथ भारत में रणनीतिक साझेदारियां विकसित करने से संबंधित गूगल की योजना के बारे में जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत भी दुनिया की सबसे खुली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। प्रधानमंत्री ने कृषि क्षेत्र में सुधार सुनिश्चित करने और नए रोजगारों के सृजन के अभियान के बारे में सरकार द्वारा हाल ही में उठाए गए ठोस कदमों के बारे में भी चर्चा की। इसके साथ ही उन्‍होंने फिर से कौशल बढ़ाने या कामगारों को नए कौशल से लैस करने के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

प्रधानमंत्री ने डेटा सुरक्षा और निजता से जुड़ी चिंताओं के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोगों का भरोसा निरंतर बनाए रखने के लिए प्रौद्योगिकी कंपनियों को विशेष प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने साइबर अपराधों के साथ-साथ साइबर हमलों के रूप में खतरों के बारे में भी चर्चा की। इस दौरान ऑनलाइन शिक्षा का दायरा बढ़ाने के लिए कारगर तकनीकी सॉल्‍यूशन पेश करने, मातृ भाषा में प्रौद्योगिकी तक पहुंच बढ़ाने, खेल के क्षेत्र में दर्शकों को स्टेडियम जैसा नजारे का अहसास कराने के लिए एआर/वीआर का उपयोग करने और डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में प्रगति जैसे विषयों पर भी व्‍यापक चर्चाएं हुईं।

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