भाई दूज पर बहनों ने भाईयों के माथे पर सजाया आशीष का तिलक

रोहतासः भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक भैया दूज पर शनिवार को पुरे देश में बहनों ने भाइयों के माथे पर आशीष का तिलक सजाया। इधर नोखा में भी भाई दूज की धूम रही। बहनों ने विधि-विधान से पूजा करने के बाद जहां भाई के सफल, सुमंगल और दिर्घ जीवन के लिए भगवान से प्राथना की, वहीं भाईयों ने भी अपने बहनों की रक्षा का संकल्प लिया।

जानकार बताते हैं, भाई दूज भाई की दीर्घायु तथा मंगल कामना को लेकर कार्तिक मास शुक्ल पक्ष के द्वितीय पर मनाए जाने वाला खास त्योहार है जिसका इंतेजार सभी भाई-बहन को रहता है। भाई दूज का त्योहार पुरातन काल से मनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि भगवान सूर्य नारायण की पत्नी की कोख से यमराज और यमुना का जन्म हुआ था। यमराज हमेशा प्राणों को हरने का काम करते थे। एक दिन यमुना ने जिद करके भाई को घर बुलाया।

यमराज के मन में था कि मैं तो किसी के घर में सिर्फ प्राण लेने के लिए जाता हूं, बहन के घर कैसे जा सकता हूं। इस पर उन्हें भगवान नारद बताते हैं कि आज आप यमराज नहीं बल्कि भाई बनकर जाओ और बहन तुम्हारा पूजन करेगी और तुम्हें खाना खिलाएगी। यमराज नारद की बात मान लेते हैं। वह बहन के घर जाते हैं और पूजा-अर्चना करवाकर खुश होकर घर से निकलते हैं।

यमराज बहन यमुना से कहते हैं कि तुम वर मांगो। इस पर यमुना कहती हैं कि आज के दिन हर भाई बहन के घर आए और उसे आपका कोई डर न हो। यमराज बहन को वरदान देते हैं। तभी से हर साल भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है।

शशि कान्त
शशि कान्तhttps://newsstump.com
संवाददाता- रोहतास