सरकारी बाबू की गुंडागर्दी- क्वारंटाइन सेंटर में महिलाओं समेत कई प्रवासियों पर बरसाई लाठी

रोहतासः क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए प्रवासियों को दी जार ही सुविधाओं को लेकर बिहार सरकार चाहे जितना भी दावा कर ले जमीनी हकिकत विवादों में है। मामला जिले के नोखा नगर पंचायत का है। यहां थाना से सटे वार्ड नंबर 9 स्थित बुद्धन चौधरी स्मारक उच्च विद्यालय में बने क्वारंटाइन सेंटर (qarantine center) में नगर पंचायत के JE अंकुर गगन ने गुंडागर्दी की सारी हदे लांघ दी और नाश्ता की मांग कर रहे श्रमिकों पर जमकर लाठियां बरसाई, जिसमें युवतियों और महिलाओं समेत कई प्रवासियों को चोटे आई हैं।

जानकारी के मुताबिक क्वारंटाइन सेंटर (Quarantine center) में रखे गए प्रवासियों के लिए सरकार की तरफ से दो वक्त का नाश्ता और दो वक्त के खाना का इंतजाम किया गया है, लेकिन इस क्वारंटाइन सेंटर में सुबह 10 बजे तक उन्हें नाश्ता नहीं दिया गया। नाश्ता नहीं मिलने पर प्रवासियों ने नगर पंचायत के JE अंकुर गगन के सामने गुहार लगाई। लेकिन उनकी सूनने और परेशानी को समझने के बजाय कथित तौर पर JE अंकुर गगन ने उनकी पिटाई कर दी, जिसमें कई महिला प्रवासियों को भी चोटे आईं हैं।

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प्रवासियों की माने तो JE खुद को नोखा का थानेदार बता रहे थे और पुलिसिया अंदाज में उन्हें धमका भी रहे थे। वे लगातार प्रवासियों को क्वारंटाइन सेंटर (Quarantine center) से निकालकर जेल भेज देने की बात कर रहे थे। क्वारंटइन सेंटर में सरकारी बाबू के इस व्ययवहार से प्रवासी उग्र हो गए और बाहर निकले की जिद्द पर अड़ गए। प्रवासियों का कहना है कि उन्हें क्वारंटाइन सेंटर पर जिन हालात का सामना करना पड़ रहा है वो नर्क से कम नहीं। यहां कोरोना निगेटिव लोग भी पॉजिटिव हो सकते हैं और कोरोना से बच भी जाए  तो भुख से मर सकते हैं। सेंटर के गेट पर हंगामा होता देख आस-पास के लोग भी इकट्ठा हो गए।

हालांकि क्वारंटाइन सेंटर में हंगामा की ख़बर पर थानाध्यक्ष नरोत्तम चंद्र तत्परता दिखाई और पुलिस बल के साथ वहां पहुंचकर किसी तरह से हालात को नियंत्रित कर पाए। उनके पहुंचने के बाद आनन फानन में नाश्ता का प्रबंध कराया गया और भरोसा जताया गया कि सभी शांत रहें प्रशासन की तरफ से आगे ऐसी कोई गलती नहीं होगी। इधर

बहरहाल क्वारंटाइन सेंटर पर हुए हंगामें की मूल वजह क्या है, कौन दोषी है यह बता पाना अभी मुश्किल है। ऐसी शिकायतें कमोबेश हर सेंटर से आ रही हैं। इस पर सरकार और उसके अधिकारीयों को गंभीरता से विचार करना चाहिए और जांचोपरान्त दोषियों पर कार्रवाई भी करनी चाहिए।

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