नई दिल्लीः कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए एहतियात के तौर पर भारत सरकार ने कई तरह के प्रयास किए हैं। उन में से एक प्रयास आरोग्य सेतु ऐप भी है। इस वक्त देश में लाखों लोग इस ऐप का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन इसकी सार्थकता उतनी नहीं जितनी उम्मीद की जा रही थी। ऐसा लगता है कि कोरोना वायरस को लेकर बनाया गया यह ऐप आनन फानन में तैयार किया गया है, जिसके चलते इसमें कई तरह की कमियां रह गई हैं और लोग धीरे-धीरे इससे विमुख होते जा रहे हैं।
वैसे तो इस ऐप में कई कमियां हैं, लेकिन मेरी समझ से सबसे बड़ी कमी यह है कि इसमें कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी व्यक्ति को खुद ही देनी पड़ती है। साथ ही अपने कोरोना संबंधी टेस्ट के लिए भी व्यक्ति को खुद ही सूचना देनी होती है। शायद सरकार यह भूल गयी कि कोरोना को लेकर लोगों के बीच तमाम तरह की भ्रांतियां है। देश में बहुत कम लोग ऐसे होंगे, जो कोरोना की आशंका को लेकर सरकार को सूचित करने की जहमत उठायेंगे।
इस ऐप की बड़ी खामी यह है कि आरोग्य सेतु ऐप हर वक्त अपडेट नहीं रहता है। ऐसा लगता है कि यह दिन में सिर्फ एक बार अपडेट किया जाता है। आम तौर पर यह पुराने आंकडे ही दिखाता रहता है। इससे बेहतर गूगल है, जो नवीनतम आंकड़े दिखाता है। लोग गूगल के जरिये ताजा जानकारी हासिल कर सकते हैं और कर भी रहे हैं।
भारत की सरकार की मंशा पर प्रश्न नहीं उठा रहे। आरोग्य सेतु ऐप को लेकर सरकार की मंशा बेहतर थी, लेकिन इस ऐप से केवल इसे बनाने वाली कंपनी और इसका विज्ञापन करने वाली कंपनी को ही फायदा पहुंचा। आम आदमी को इस ऐप से बहुत कम फायदा पहुंचा है।
आरोग्य सेतु (Aarogya setu) को अधिसंख्य जनता उपयोग नहीं कर रही है, जिससे इसके होने या ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। यह ऐप कितना सुरक्षित है, इसके बारे में भी सरकार ने कुछ नहीं कहा है।
कोरोना काल में जल्दबाजी में आरोग्य सेतु ऐप (Aarogya Setu app) बनाने की बजाय सरकार को अधिक से अधिक लोगों का कोरोना टेस्ट कराना चाहिए था जिससे लोगों को समुचित इलाज किया जा सकता था।
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