नई दिल्लीः रसायन और उर्वरक मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रम HIL इंडिया लिमिटेड ने मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के लिए दक्षिण अफ्रीका को 20.60 मिट्रिक टन DDT 75% WP की आपूर्ति की है।
HIL (इंडिया) दुनिया में DDT बनाने वाली एकमात्र कंपनी है। भारत सरकार के मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय को DDT की आपूर्ति के लिए 1954 में कंपनी का गठन किया गया था। वर्ष 2019-20 में DDT की देश में 20 राज्यों को आपूर्ति की गई थी। कंपनी कई अफ्रीकी देशों में भी इस उत्पाद का निर्यात कर रही है।
दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया से सर्वाधिक प्रभावित मोज़ाम्बिक से सटे तीन प्रांतों में DDT का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। इस क्षेत्र में हाल के वर्षों में मलेरिया का काफी प्रकोप रहा है और इससे बड़ी संख्याक में लोगों की मौत भी हुई है।
मलेरिया पूरी दुनिया में एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या रही है। वर्ष 2018 में दुनिया में मलेरिया के अनुमानित 228 मिलियन मामले हुए और इससे अधिकांश मौतें 93% अफ्रीकी क्षेत्र में हुईं। दक्षिण पूर्व एशिया में, मलेरिया के अधिकाशं मामले भारत में रहे और यहां इस बीमारी से मरने वालों की संख्या भी सबसे ज्यादा रही।
मानव आबादी वाले क्षेत्र में कीटनाशकों का छिड़काव (IRS) मच्छसरों को खत्म। करने का प्रभावी माध्योम साबित हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मलेरिया फैलाने वाले मच्छरों से निपटने के लिए DDT को एक प्रभावी रसायन के रूप में मानते हुए इसके इस्तेनमाल का सुझाव दिया है। ऐसे में इसका उपयोग जिम्बाब्वे, जांबिया, नामीबिया, मोजाम्बिक आदि जैसे दक्षिणी अफ्रीकी देशों द्वारा व्यापक रूप से किया जाता है। भारत में भी मेलेरिया से निपटने के लिए DDT का इस्ते माल व्यापपक रूप से किया जाता है।
HIL इंडिया वित्तत वर्ष 2020-21 में जिम्बाजब्वे को 128 मिट्रिक टन DDT 75% WP तथा जाम्बिया को 113 मिट्रिक टन DDT की आपूर्ति करने की प्रक्रिया में है।
कंपनी ने सरकार से सरकार के स्तमर पर ईरान को टिड्डी नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 25 मिट्रिक टन मैलाथियान टेक्निपकल 95% की लैटिन अमरीकी क्षेत्र को 32 मिट्रिक टन फंफूद नाशक कृषि रसायनों की आपूर्ति की है।