भारत और दक्षिणपूर्व एशिया के लिए खतरा चीन: माइक पॉम्पिओ

वॉशिंगटन: अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने कहा कि चीन भारत और दक्षिणपूर्व एशिया के लिए खतरा है। इसी वजह से अमेरिका ने यूरोप में अपनी सेना घटानी शुरू कर दी है। पॉम्पिओ से सवाल किया गया था कि जर्मनी में अमेरिकी सेना की टुकड़ी को क्यों घटा दिया गया।

चीन की हालिया गतिविधियों के देखते हुए अमेरिका ने उसे इतना बड़ा खतरा बताया है। अमेरिका ने यूरोप से अपनी सेना हटाकर एशिया में तैनात करनी शुरू कर दी है।

उन्होंने कहा, ‘चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के कार्य प्रणाली से लग रहा है कि वह भारत, वियतनाम, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपीन और दक्षिण चीन समुद्र क्षेत्र के लिए खतरा है। अमेरिकी सेना को हमारे वक्त की इन चुनौतियों से निपटने के लिए सही तरीके से तैनात किया गया है।’

पॉम्पिओ ने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने दो साल में अमेरिकी सेना की तैनाती की रणनीतिगत तरीके से समीक्षा की है। अमेरिका ने खतरों को देखा है और समझा है कि साइबर, इंटेलिजेंस और मिलिट्री जैसे संसाधनों को कैसे बांटा जाए।

दूसरी तरफ चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि जापान जैसे देशों में अपनी सैन्य तैनाती न करे। चीन ने यहां तक दावा किया है कि अगर अमेरिका इस दिशा में आगे बढ़ता है तो चीन भी हर जवाब के लिए तैयार रहेगा।

दरअसल, हाल ही में जापान और अमेरिका ने दक्षिण चीन समुद्र में संयुक्त सैन्य अभ्यास किया है। एक ओर चीन ने भारत में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास तनावपूर्ण स्थिति है, वहीं दूसरी ओर दक्षिण चीन के समुद्र में भी आक्रामक रवैया अपना रहा है। कोरोना को लेकर भी दुनिया के सामने चीन कड़े तेवर अपना रहा है।

अमेरिका के यूएसएस थिओडोर रूजवेल्ट और यूएसएस निमित्ज स्ट्राइक समूह ने अंतरराष्ट्रीय समुद्रीय क्षेत्र पर सैन्य अभ्यास शुरू किया। वहीं, एक और “कैरियर स्ट्राइक ग्रुप” यूएसएस रोनाल्ड रीगन फिलिपीन के समुद्र क्षेत्र में तैनात था। पश्चिम फिलिपीन समुद्र क्षेत्र दक्षिण चीन के समुद्र क्षेत्र में आता है। इसे लेकर चीन और अमेरिका आमने-सामने हैं। फिलिपीन के समुद्र क्षेत्र में फिलिपीन के पूर्वी तट के अलावा ताइवान, जापान से लेकर मारियाना टापू में गुआम और कैरोलाइन टापू में पलाऊ तक फैला है।

पॉम्पिओ ने कहा कि यह अमेरिका नहीं है जो चीन का सामना कर रहा है, पूरी दुनिया चीन का सामना कर रही है। पॉम्पिओ ने कहा, ‘मैंने इस महीने यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों से बात की। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बारे में कई तथ्य सामने आए। इसमें दक्षिण चीन समुद्र क्षेत्र में चीन की आक्रामता, भारत के साथ घातक झड़प और शांतिपूर्ण पड़ोसियों के खिलाफ खतरे का जिक्र था।’

दीपक सेन
दीपक सेन
मुख्य संपादक