पटना: नये कृषि कानूनों के खिलाफ अलग-अलग जिलों से आए किसानों ने राजधानी में मंगलवार को राजभवन मार्च किया लेकिन अंतत: पुलिसवालों से भिड़ंत हो गई। लाठी चार्ज हुआ, भगदड़ मची और कई घायल हो गये।
रोकने पर विवाद, लाठीचार्ज
मार्च अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और अन्य लेफ्ट संगठनों ने आयोजित किया था। यह ऐतिहासिक गांधीमैदान से निकला था। किसानों का जत्था जब डाकबंगला चौराहा पहुंचा तो पुलिस और वामदलों के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर नोकझोंक हुई। हालात बेकाबू होता देख पुलिस को लाठीचार्ज करनी पड़ी। इसके बाद भगदड़ मच गयी। दरअसल चौराहे से आगे बढ़ने पर पुलिसबल ने हुजूम को रोका तो वे आक्रोशित हो उठे। प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़ राजभवन की तरफ बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने समझाया, लेकिन नहीं माने। ऐसे में उनकी पुलिस से धक्कामुक्की हो गई और पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
धरना दिया, नारेबाजी की
पुलिस के रोके जाने के बाद प्रदर्शनकारी वहीं धरने पर पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। धरने पर बैठने के कारण पूरा पटना में जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी। पुलिस ने किसी तरह लोगों को समझा बुझाकर डाकबंगला को खाली कराया तब जाकर आवागमन सामान्य हो पाया।
गांधी मैदान में भी हुई थी झड़प
सूत्रों ने बताया कि गांधी मैदान पर प्रदर्शनकारी, पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों के बीच झड़पें हुईं थीं क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने मैदान में केवल एक द्वार के रास्ते ही प्रवेश देने पर आपत्ति जताई थी जबकि पुलिस भगदड़ से बचने का जुगत लगा रही थी। बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक प्रसाद सिंह ने कहा कि हम पिछले 34 दिनों से दिल्ली में बैठे अपने साथी किसानों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यहां जुटे हैं। जबकि एसएसपी विनय तिवारी ने कहा कि यह निषिद्ध क्षेत्र में था इसलिए उन्हें आगे बढ़ने से रोकने के लिए, हमने लाठीचार्ज किया।