CBSE का ऐलान अगले साल 9वीं-12वीं के लिए 30% कम होगा सिलेबस

नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) ने अगले साल के लिए अपने सिलेबस में 30% कटौती का ऐलान कर दिया है। मंगलवार शाम बोर्ड ने ट्विटर पर इस संबंध में एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। इसके तहत नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) से पढ़ाई करवाने वाले 22 राज्यों में 2020-21 एकेडमिक सत्र के लिए 9वीं से 12वीं के कोर्स में एक-तिहाई कमी कर दी है।

इसके लिए NCERT और CBSE बोर्ड के विशेषज्ञों की एक कमेटी ने पाठ्यक्रम में कटौती का खाका तैयार किया और उसके बाद कक्षा 9वीं से 12वीं के छात्रों के लिए यह फैसला लिया गया। वहीं, 8वीं तक की कक्षाओं के लिए CBSE ने स्कूलों को खुद सिलेबस तैयार करने को कहा है।

  1. सिलेबस से पूरी बुक नहीं हटाई गई है। ये रैशनलाइजेशन टॉपिक्स में कटौती करने के लिए ऐसे किया गया है जिससे छात्रों को पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय मिल सके।

2. बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि कोर्स कम करने से लर्निंग पर असर नहीं पड़ना चाहिए और इसके लिए शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बच्चों को समझाने के लिए हटाए गए टॉपिक्स को भी एक लिमिट तक समझा सकते हैं।

3. लॉकडाउन के कारण जो ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है उसमें कोर्स में कटौती के हिसाब से बदलाव का फैसला स्कूल को करना है। अगर हटाई गई कोई सामग्री पढ़ा दी गई है तो उससे किसी तरह का नुकसान नहीं होगा क्योंकि फाइनल एग्जाम रिवाइज्ड कोर्स के हिसाब से होगा और यह 33% कम होगा।

4. ऑनलाइन टेस्ट के नंबर भी इंटरनल असेसमेंट हैं। चूंकि बोर्ड एग्जाम रद्द करने का फैसला मात्र हफ्तेभर पहले लिया गया है तो नंबरों पर फर्क नहीं पड़ेगा। कम किया गया सिलेबस इंटरनल असेसमेंट के विषयों का हिस्सा नहीं होगा।

सवाल: कक्षा 1 से 8वीं तक क्लासेज के लिए क्या हर स्कूल का अलग सिलेबस होगा?

जवाब: नहीं, यह लगभग पहले जैसा ही होगा और स्कूलों को सलाह दी गई है कि वे NCERT की गाइडलाइन का पालन करे।मानव संसाधन मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को मौजूदा हालात को देखते हुए कोर्स कटौती को लेकर बोर्ड को दी गई सलाह के बारे में ट्वीट किया। इसके कुछ देर बाद CBSE की ओर से कटौती का सर्कुलर जारी कर दिया गया।

पाठ्यक्रम घटाने पर काम कर रही कमेटी ने विभिन्न स्कूल प्रबंधन, अभिभावकों, राज्यों, शिक्षाविद और शिक्षकों के सुझावों के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है। हालांकि, इस दौरान कमेटी ने इस बात का ख्याल रखा है कि एक पूरा चैप्टर या हटाने की उन टॉपिक्स को हटाया जाए, जो या तो दोहराए गए है या जिसे अन्य अध्यायों के तहत कवर किया जा सकता है।