नई दिल्ली: मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम्स स्ट्रेस, एंग्जायटी और डिप्रेशन को लोग एक ही समझ लेते हैं, लेकिन इसमें अंतर होता है। वर्तमान लाइफस्टाइल और रोजाना के बिजी शेड्यूल की वजह से लोग मेंटल हेल्थ समस्याओं से परेशान हैं। कई बार सिर दर्द होने पर हम सिर दर्द या टेंशन समझ दवा खा लेते हैं, लेकिन इस तरह की समस्या है तो डिप्रेशन, स्ट्रेस और एंजाइटी भी हो सकती है। इस बारे में अधिक जानकारी के अभाव में लोगों को सही इलाज नहीं मिल पाता और प्रॉब्लम्स बढ़ती जाती है।
डिप्रेशन में मरीज खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है
भागदौड़ भरी जिंदगी में डिप्रेशन कॉमन बीमारी बनती जा रही है। दरअसल, जब हम किसी चुनौती या समस्या से परेशान होते हैं तो हमारा मूड खराब रहता है और उसी हिसाब से हमारा दिमाग भी रिएक्ट करता है। इस बीमारी में मरीज को लगता है कि उसका कुछ खोने वाला है। मरीज खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है। उत्साह ना रहना, उदासी, गुस्सा, अनिद्रा प्रमुख लक्षण है। डिप्रेशन एक बहुत ही आम शब्द बन गया है, जिसका इस्तेमाल आजकल हर कोई गलत तरीके से करने लगा है।
एंग्जाइटी होने पर अक्सर व्यक्ति बहुत अधिक बेचैन हो जाता है
एंग्जाइटी एक चिंता विकार है। यदि व्यक्ति किसी विषय को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित हैं और बार-बार घबराहट महसूस कर रहा हैं तो हो सकता है कि आप किसी विषय को लेकर बहुत अधिक तनाव में हों। एंग्जाइटी होने पर अक्सर व्यक्ति बहुत अधिक बेचैन हो जाता है। इस स्थिति का समय पर इलाज जरूरी है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो यह गंभीर रूप ले सकता है। गहरी चिंता, डर, बेचैनी, घबराहट और पसीना आना इसके प्रमुख लक्षण है।
स्ट्रेस होने पर दिमाग निगेटिव इमोशंस की तरफ भागता है
स्ट्रेस यानी तनाव और एंग्जायटी के लक्षण लगभग एक जैसे ही होते हैं। किसी बात का तनाव या स्ट्रेस होने पर व्यक्ति को सिरदर्द, उच्च रक्तचाप, अनिद्रा और स्किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। स्ट्रेस होने पर दिमाग निगेटिव इमोशंस की तरफ भागता है। इसको सरल भाषा में टेंशन भी कह सकते हैं। यह बीमारी होने से मन छोटी.छोटी बातों से ही परेशान हो उठता है। फिजिकल और मेंटल दोनों तरह की समस्या होने लगती है। इसके कारण सिर दर्द, हाई ब्लड प्रेशर, चेस्ट पेन, दिल की बीमारी का खतरा, स्किन प्रॉब्लम्स, अनिद्रा होती है। योग से जुड़कर व्यक्ति किसी भी प्रकार के मानसिक विकार से बच सकता है, क्योंकि यह एक प्राचीन पद्धति है।
बोलचाल की भाषा में स्ट्रेस, एंग्जायटी और डिप्रेशन एक समान लगते हैं लेकिन इन सबके बीच एक बारीक लाइन है जो इन्हें एक दूसरे से अलग करती है। कोरोना वायरस जैसी महामारी के दौरान इन तीनों के बारे में लोगों से ज्यादा सुनने को मिल रहा हैं। मेडिटेशन मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाता है और इस तरह की बीमारी के लिए रक्षा कवच की तरह कार्य करता है।