कोरोना पर गंभीर देश की अदालतें, मद्रास और दिल्ली के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के तेवर सख्त

प्रयागराजः गहराते कोरोना संकट पर देश की अदालतें गंभीर हो गई हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में ऑक्सीजन संकट पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि यह शर्म की बात है कि आज़ादी के सात दशक बाद भी हम लोगों को आक्सीजन नहीं मुहैया करा पा रहे हैं। कोर्ट ने प्रदेश में कोरोना के बढते प्रकोप के मद्देनज़र राज्य सरकार को कई निर्देश दिए हैं।

दिन में दो बार हेल्थ बुलेटिन जारी करे सरकार

कोर्ट ने सरकार को दिन में दो बार हेल्थ बुलेटिन जारी करने का निर्देश दिया है। यह बुलेटिन लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, आगरा, कानपुर नगर, गोरखपुर व झांसी में स्थित बड़े सरकारी अस्पतालों के सम्बंध में जारी में जारी किया जाए, ताकि लोगों को रोगियों के स्वास्थ्य की जानकारी मिल सके। कोर्ट ने अस्पतालों को लार्ज स्क्रीन का प्रयोग करने को कहा है ताकि लोग रोगियों का हाल जान सकें।

डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से अस्पताल की स्थिति सुनिश्चित करे सरकार

इसके अलावें कोर्ट ने सरकार को डिस्ट्रिक्ट पोर्टल के माध्यम से यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि कितने बेड आईसीयू व कोविड वार्ड में सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में हैं। यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा एवं जस्टिस अजित कुमार की खंडपीठ ने कोरोना मामले की सुओ मोटो संज्ञान वाली जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।

कोर्ट ने कहा कि, केवल एंटीजेन की निगेटिव रिपोर्ट के आधार पर किसी रोगी को अस्पताल से छुट्टी नहीं दी जा सकती, क्योंकि रोगी अन्य कारणों से भी संक्रमित हो सकता है। ऐसे में उसे एक सप्ताह के लिए नान कोविड वार्ड में शिफ्ट किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि, सभी सरकारी व कोविड का इलाज कर रहे प्राइवेट अस्पतालों में रेमडेसिविर इन्जेक्शन व अन्य जरूरी दवाएं तथा आक्सीजन निर्बाध रूप से मिलती रहनी चाहिए।

कोर्ट ने सरकार को अनुबंध के आधार पर डॉक्टर व अन्य मेडिकल स्टाफ की समुचित व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया है। कोर्ट ने आदेश में कहा कि लाइफ सेविंग सिस्टम के साथ एम्बुलेंस की संख्या में तत्काल बढ़ोतरी की जाए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि कोविड से हुई प्रत्येक मौत की जानकारी जिला जज द्वारा नामित ज्यूडिशियल अधिकारी को दी जाए। शव का दाह संस्कार सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक किया जाए। हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई अब तीन मई को करेगा।

मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को लगई फटकार

इससे पहले पहले मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को फटकार लगाई थी। मद्रास हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई के दौरान कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर के लिए पूरी तरह से चुनाव आयोग जिम्मेदार है। चुनाव आयोग ने किसी भी तरह की चुनाव आयोग ने किसी भी तरह की चुनावी सभा पर रोक नहीं लगाई, जिसमें बड़ी संख्या में लोग एक जगह इकट्ठे होते रहे।

फटकार लगाने के साथ ही हाईकोर्ट ने चुनाव हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि 2 मई को गिनती के लिए पूरा प्लान तैयार किया जाए. अगर इस दिन किसी तरह की चूक होती है, तो अदालत काउंटिंग पर रोग लगा देगी। दिल्ली हाई कोर्ट भी गहराते कोरोना संकट को लेकर केजरीवाल सरकार को फटकार लगा चुकी है।

दीपक सेन
दीपक सेन
मुख्य संपादक