पटनाः 17 फरवरी से शुरू होने वाली बिहार बोर्ड (Bihar board examination 2020) की मैट्रिक की परीक्षा में कदाचार (नकल) को लेकर एक अजीबो-गरीब निर्देश जारी हुआ है। जारी निर्देश के मुताबिक परीक्षा में नकल करने या गलत तरीके से परीक्षा देने वाले छात्र अब न तो हिरासत में लिए जाएंगे और न ही उन्हें पुलिस के सामने प्रस्तुत कर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। ये निर्देश खुद CID के ADG विनय कुमार ने सभी जिलों के SP को दिए हैं।
निर्देश के मुताबिक परीक्षा के दौरान पकड़े गए नकलची छात्रों को विशेष किशोर पुलिस इकाई या बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी को अग्रसारित किया जाएगा। इसके साथ ही ऐसे छात्रों की सामाजिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट तैयार की जाएगी। तैयार पृष्ठभूमि में यह लिखना होगा कि उक्त छात्र को किन परिस्थितियों में पकड़ा गया है।
इसके बाद छात्र को रिपोर्ट के साथ किशोर नयाय समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। निर्देश जारी करते हुए CID के अधिकारी ने लिखा है कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 और किशोर न्याय नियमावली 2016 लागू है। जिसमें 18 साल से कम उम्र के किशोर को विधि विरुद्ध बालक कहा जाएगा। जिसमें यह साफ है कि बालकों को हिरासत में नहीं रखा जाएगा और न ही पुलिस और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकेगा।