CBSE का 12 वीं का रिजल्ट घोषित, टॉपर को मिले 100% अंक

नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सोमवार को 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिये। इसमें लड़कियों के उत्तीर्ण करने का प्रतिशत लड़कों की तुलना में 5.96 प्रतिशत बेहतर रहा। लखनऊ की टॉपर को 100% अंक मिलेl
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट किया, छात्र परीक्षा परिणाम वेबसाइट पर देख सकते हैं। छात्रों का स्वास्थ्य एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
सीबीएसई ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष मेरिट सूची जारी नहीं करने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने ‘फेल’ के स्थान पर ‘रिपीट’ शब्द का उपयोग करने का भी फैसला किया है।

दिव्यांशी जैन को मिले 100% अंक

सीबीएसई के अनुसार, इस वर्ष 12वीं कक्षा में कुल 88.78 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए, जबकि 2019 में इसका प्रतिशत 83.40 प्रतिशत था। यानी, पिछले साल की तुलना में इस साल 5.38 प्रतिशत अधिक विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए।
इस साल लड़कियों के उत्तीर्ण होने का प्रतिशत 92.15 रहा। वहीं, लड़कों का प्रतिशत 86.19 रहा। ट्रांसजेंडर का उत्तीर्ण प्रतिशत 66.67 दर्ज किया गया।
लखनऊ से 12 वीं कक्षा की छात्रा दिव्यांशी जैन ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) परीक्षा में 100% अंक प्राप्त किए। वह कहती हैं, “भविष्य में, मैं एक विषय के रूप में इतिहास में शोध करना चाहूंगी और हमारे देश के अतीत के बारे में अधिक जान सकूं।”
12वीं कक्षा की परीक्षा में 38,686 विद्यार्थियों को 95 प्रतिशत से अधिक अंक मिले, जबकि 1,57,934 विद्यार्थियों ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए।

वैकल्पिक मूल्यांकन के आधार पर रिजल्ट

बोर्ड ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर लंबित परीक्षाएं रद्द कर दी थीं। वैकल्पिक मूल्यांकन योजना के आधार पर परिणाम घोषित किया है। चार श्रेणियों पर आधारित इस योजना के तहत छात्र को उस विषय के आधार पर अंक दिए गए हैं, जिनमें उसे सर्वाधिक अंक मिले हैं।
बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि इस योजना के अनुसार 400 छात्रों के अंकों की गणना नहीं हो पायी है। उनका परिणाम बाद में घोषित किया जाएगा।
इस वर्ष 13,109 स्कूलों में 4,984 परीक्षा केंद्रों पर 12वीं कक्षा की परीक्षाएं आयोजित की गई थीं। इसमें 12,03,595 विद्यार्थियों ने परीक्षा देने के लिये पंजीकरण कराया था। और 10,59,080 विद्यार्थी परीक्षा में बैठे थे। इनमें से 88.78 प्रतिशत उत्तीर्ण हुए।

त्रिवेंद्रम ने किया सबसे अच्छा प्रदर्शन

क्षेत्रवार त्रिवेंद्रम क्षेत्र का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा, जहां उत्तीर्ण प्रतिशत 97.67 रहा। बेंगलुरू क्षेत्र का उत्तीर्ण प्रतिशत 97.05 और चेन्नई क्षेत्र का उत्तीर्ण प्रतिशत 96.17 दर्ज किया गया।
दिल्ली पश्चिम क्षेत्र का उत्तीर्ण प्रतिशत 94.61, दिल्ली पूर्व क्षेत्र का उत्तीर्ण प्रतिशत 94.24, पंचकूला क्षेत्र का उत्तीर्ण प्रतिशत 92.52, चंडीगढ़ क्षेत्र का उत्तीर्ण प्रतिशत 92.04, भुवनेश्वर क्षेत्र का उत्तीर्ण प्रतिशत 91.46 और भोपाल क्षेत्र का उत्तीर्ण प्रतिशत 90.95 दर्ज किया गया। अजमेर क्षेत्र का उत्तीर्ण प्रतिशत 87.60 रहा। नोएडा क्षेत्र से 84.87 प्रतिशत विद्यार्थी सफल रहे। गुवाहाटी क्षेत्र से 83.37 प्रतिशत, देहरादून क्षेत्र से 83.22 प्रतिशत, प्रयागराज क्षेत्र से 82.49 प्रतिशत और पटना क्षेत्र से 74.57 प्रतिशत छात्र सफल रहे।

विदेश के स्कूलों और जेएनवि का रिजल्ट

अधिकारियों के अनुसार दुनियाभर के 25 देशों में सीबीएसई से मान्यता प्राप्त 210 से अधिक स्कूल हैं। विदेशी स्कूलों में 12वीं कक्षा की परीक्षा के लिए 16,103 विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया था। और 16,043 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। इनमें से 15,122 विद्यार्थी उत्तीर्ण हुए। विदेशी स्कूलों में 12वीं कक्षा में विद्यार्थियों का उत्तीर्ण प्रतिशत 94.26 दर्ज किया गया।
जवाहर नवोदय विद्यालय के विद्यार्थियों का 12वीं कक्षा में उत्तीर्ण प्रतिशत 98.70 रहा। केंद्रीय विद्यालय के विद्यार्थियों का उत्तीर्ण प्रतिशत 98.62 प्रतिशत दर्ज किया गया। सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों का उत्तीर्ण प्रतिशत 94.94 प्रतिशत रहा।

क्या है वैकल्पिक मूल्यांकन योजना

कोरोना के कारण परीक्षा परिणाम वैकल्पिक मूल्यांकन योजना के आधार पर परिणाम घोषित किया है। इस योजना के तहत विद्यार्थियों की चार श्रेणियां बनाकर कर परिणाम तैयार किये गए। इसमें ऐसे छात्र भी शामिल हैं जिन्होंने सभी परीक्षा पूरी की। उनका परिणाम इन परीक्षाओं में प्रदर्शन के आधार पर घोषित किया गया। दूसरी श्रेणी के छात्रों ने तीन से अधिक विषयों की परीक्षा दी। ऐसे में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले तीन विषयों में प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर उन विषयों में अंक दिये गए जिनकी परीक्षा नहीं हुई थी।
तीसरी श्रेणी ऐसे छात्रों की है जिन्होंने केवल तीन विषयों में परीक्षा दी। ऐसे छात्रों को श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले दो विषयों में प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर अंक दिये गए जिनकी परीक्षा नहीं हुई थी।
बोर्ड ने परीक्षा पूरी नहीं कर पाने वाले छात्रों के लिये वैकल्पिक परीक्षा कराने का भी निर्णय किया है।