अंबाला
पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनावपूर्ण स्थिति को लेकर चीन की तरफ साफ तौर पर इशारा करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि भारत की संप्रभुता पर नजर गड़ाने वालों के लिए राफेल कड़ा संदेश है। उन्होंने कहा कि 5 राफेल विमानों का भारतीय वायुसेना में शामिल होना उन लोगों के लिए एक ‘बड़ा और कड़ा’ संदेश हैं जो भारत की संप्रभुता पर नजर गड़ाए हुए हैं। पांचों राफेल लड़ाकू विमानों को गुरुवार को अंबाला वायुसेना अड्डे पर हुए शानदार समारोह में भारतीय वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया।
राफेल लड़ाकू विमानों का एयर फोर्स में शामिल होना भारत की वायु शक्ति की क्षमता को ऐसे समय में मजबूती दे रहा है जब देश पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद में उलझा हुआ है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उनकी फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत और एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया समेत कई अन्य अधिकारी इस समारोह में शामिल हुए। सर्व धर्म पूजा के बाद इन विमानों को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया, जिसका वीडियो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शेयर भी किया है।
समारोह को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री सिंह ने कहा, ‘राफेल विमानों का वायुसेना में शामिल किया जाना पूरी दुनिया, खासकर जो भारत की संप्रभुता पर नजर गड़ाए हुए हैं, उनके लिए एक कड़ा संदेश है। भारत की सीमा के आस-पास बन रहे माहौल को देखते हुए राफेल विमानों का भारतीय वायु सेना में शामिल होना अहम है।’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा भारत की बड़ी प्राथमिकता है और वह अपने क्षेत्र को संरक्षित रखने के लिए दृढ़ संकल्प है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत की जिम्मेदारी उसकी क्षेत्रीय सीमा तक सीमित नहीं हैं और वह हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। ये दोनों क्षेत्र वे हैं जहां चीन अपनी सैन्य आक्रामकता बढ़ा रहा है। रक्षा मंत्री ने पूर्वी लद्दाख में बढ़ते तनाव का साफ तौर पर संदर्भ देते हुए कहा, ‘हाल के दिनों में हमारी सीमाओं पर बन रहे वातावरण के लिए इस प्रकार का समावेशन (राफेल शामिल करना) बहुत जरूरी है।’