SAGY की सच्चाई: भाजपा सांसद राजीव प्रताप सिंह रूडी की गोद में कीचड़

पटनाः भाजपा सांसद राजीव प्रताप सिंह रूडी की गोद में कीचड़ भर गया है। हो सकता है यह बात आपको अटपटी लगे, लेकिन सोलह आने सच है। 2014 में शुरू की गई आदर्श ग्राम योजना (SAGY) के तहत सांसदों ने अपने-अपने लोकसभा क्षेत्र में जिन गांवों को गोद लिया है उन में से एक गांव है छपरा जिले का रामपुर कलाँ। छपरा संसदीय क्षेत्र से सांसद होने के नाते इस गांव को राजीव प्रताप सिंह रूडी ने गोद लिया है, लेकिन यह गाँव आज भी बुनियादी सुविधाओं की बाट जोह रहा है। गांव की सड़कें और गलियां कीचड़ से पटी हुई हैं, लेकिन कोई इसकी सुध लेने वाला नहीं है।

लगभग तीन हजार आबादी और 300-350 घरों वाले इस गांव में 60-70 प्रतिशत वोट भाजपा यानी राजीव प्रताप सिंह रूडी को जाता है। पढ़े-लिखे स्मार्ट पर्सनालिटी वाले रूडी को गांव वाले ये सोचकर पीछले तीन बार से वोट दे रहे हैं कि वो उन पर नज़र-ए-इनायत करेंगे। गाँव बदहाली दूर कर इसे रहने लायक बनाएंगे, लेकिन हालात कह रहे हैं कि नज़र-ए-इनायत तो दूर सांसद को इस गांव का नाम भी ठीक-ठीक याद नहीं होगा।

अपने गाँव की दुर्दशा पर वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत का छलका दर्द

दरअसल, इसी गांव की मिट्टी पर पैदा हुए देश के वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने सोशल मिडीया पर इस गांव कि कुछ तस्वीरें साझा कि है। तस्वीर साझा करते हुए उन्होंने लिखा है,’ बिहार के छपरा ज़िले में मेरे गाँव रामपुर कलाँ की सड़क प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत अप्रूव्ड है। मेरे सांसद राजीव प्रताप सिंह रूडी ने उसको गोद भी लिया है, लेकिन गाँव की सड़क सालों से बनने का इंतज़ार कर रही है। बरसात में लोग नारकीय जीवन जीते हैं और व्यवस्था को कोसते रहते हैं। ऐसा कबतक?’

आगे राणा यशवंत ने लिखा है, ‘मुझे ये महसूस हुआ है कि अगर आप अपने गाँव के हक़ और बेहतरी की लड़ाई नहीं लड़ सकते, तो फिर दुनिया के लिए लड़ने का क्या मतलब? रूडी जी से मेरे निजी रिश्ते ठीक हैं, लेकिन सामूहिक हित और अधिकार के सवाल निजी रिश्तों से कहीं बड़े होते हैं। एक फ़ोन करके यह कहा जा सकता था, फिर यह मेरे उन अपनों के साथ नाइंसाफ़ी होती जो सालों से सड़क बनाने के लिए मिन्नतें कर रहे हैं और सांसद राजीव प्रताप रूडी ख़ाली भरोसा से समय पाट रहे हैं। रूडी जी मेरा निवेदन है कि आप अपने लोगों की लम्बे समय से इस माँग को पूरा करें जो वर्षों से कीचड़ सनी लस्त पस्त आपके पास कहीं पड़ी है।‘

रूडी से नाराज है रामपुर कलाँ की जनता, लोगों ने कहा- सांसद चुनना मजबूरी

इधर गांव के अन्य लोगों का कहना है कि विकल्प के अभाव में सांसद के तौर पर राजीव प्रताप सिंह रूडी को चुनना उनकी अब मजबूरी है। पहले तो लगा कि वो उर्जावान हैं, तो गांव को इसका लाभ मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वो जमीन के नेता नहीं हैं। यदि वो जमीन पर होते तो गोद लेकर गांव को यूं छोड़ते नहीं कुछ करते।

क्या है Sansad Adarsh Gram Yojana (SAGY)

आपको बता दें, प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने गांवों की दशा सुधारने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया था। लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जन्म दिवस की वर्षगाँठ पर 11 अक्टूबर 2014 को उन्होंने Sansad Adarsh Gram Yojana (SAGY) की शुरूआत की थी। योजना के अंतर्गत सभी लोकसभा सांसदों को हर वर्ष एक ग्रामसभा का विकास कर उसे जनपद की अन्य ग्रामसभाओं के लिये आदर्श के रूप में प्रस्तुत करना था। साथ ही राज्यसभा सांसदों को अपने कार्यकाल के दौरान कम-से-कम एक ग्राम सभा का विकास करना था।

Sansad Adarsh Gram Yojana (SAGY) का उद्देश्य

इस योजना का उद्देश्य शहरों के साथ-साथ ग्रामीण भारत के बुनियादी एवं संस्थागत ढाँचे को विकसित करना था, जिससे गाँवों में भी उन्नत बुनियादी सुविधाएँ और रोज़गार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराए जा सकें। इसके अलावें चयनित ग्रामसभाओं को कृषि, स्वास्थ्य, साफ-सफाई, आजीविका, पर्यावरण, शिक्षा आदि क्षेत्रों में सशक्त बनाना था।

SAGY के क्रियान्वन को लेकर सांसदों में उत्साह की कमी

Sansad Adarsh Gram Yojana (SAGY) के अंतर्गत प्रत्येक सांसद को वर्ष 2019 तक तीन और वर्ष 2024 तक पाँच ग्रामसभाओं का विकास करना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। योजना लागू होने के 6 वर्ष बाद उपलब्ध आँकड़ों में देखा जा सकता है कि योजना के क्रियान्वन में सांसदों के मध्य शुरुआत से ही उत्साह की कमी रही है। पहले चरण में जहाँ लोकसभा के 703 सांसदों ने हिस्सा लिया था, वहीं दूसरे चरण में इनकी संख्या केवल 497 और तीसरे चरण में घटकर मात्र 301 रह गई।

ग्रामीण विकास मंत्रालय के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 2020-21 में लोकसभा और राज्यसभा के कुल 781 सांसदों में से सिर्फ 96 सांसदों यानी महज़ 12.29 प्रतिशत ने अब तक ग्राम पंचायत का चुनाव किया है।। योजना के पांचवे चरण के दौरान 2020-21 में लोकसभा के 545 सांसदों में सिर्फ 81 सांसदों (14.86 प्रतिशत) ने ग्राम पंचायत को चुना जबकि राज्यसभा के 236 में से सिर्फ 16 ने अपने इलाके में विकास के लिए ग्राम पंचायत को चुना, यानी महज़ 6.7 प्रतिशत ने।

अभय पाण्डेय
अभय पाण्डेय
आप एक युवा पत्रकार हैं। देश के कई प्रतिष्ठित समाचार चैनलों, अखबारों और पत्रिकाओं को बतौर संवाददाता अपनी सेवाएं दे चुके अभय ने वर्ष 2004 में PTN News के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। इनकी कई ख़बरों ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी हैं।