राजभवन से आदेश के बाद विवादित मेवालाल का इस्तीफा, अशोक चौधरी को प्रभार

अजय वर्मा

पटना: राजभवन से आदेश आया और विवादित शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने चार्ज लेने के कुछ घंटे भर बाद इस्तीफा दे दिया। शपथ ग्रहण से तीन दिन के अंदर ही उनकी नियुक्ति को लेकर सरकार विवादों में घिर गई थी। अब अशोक चौधरी को इस विभाग का प्रभार दिया गया है।

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मेवालाल की सफाई

पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने विवादोंपर कहा था कि कोई भी केस तब साबित होता है जब आपके खिलाफ़ कोई चार्जशीट हुई हो या कोर्ट ने कुछ फैसला किया हो। न हमारे खिलाफ अभी कोई चार्जशीट हुई है न ही हमारे ऊपर कोई आरोप दर्ज़ हुआ है।

कई परतों में छिपा है विवाद

मेवालाल के विवाद के भीतर कई परतें छिपी हैं जिससे सरकार भी बेनकाब होती है। वह 2015 में जदयू के विधायक बने थे। 2012—13 में बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वीसी रहने के वक्त असिस्टेंट प्रोफेसर और जूनियर साइंटिस्ट की नियुक्ति में भारी घपला हुआ था। 2017 में उसका भ्रष्टाचार उजागर हुआ, उसके खिलाफ राजभवन के आदेश पर एफआईआर हुआ तब जदयू से निलंबित किये गये। गिरफ्तारी के डर से फरार चल रहे मेवालाल को जमानत दिलाने में सरकार की ओर से ही मदद की गई। कोर्ट के रिकार्ड में दर्ज है कि सरकारी वकील ने उसकी बेल अर्जी का विरोध तक नहीं किया। सरकार ने आज तक मेवालाल के खिलाफ चार्जशीट की अनुमति नहीं भी दी। सितंबर, 2019 से पुलिस चार्जशीट के लिए सरकार की अनुमति का इंतजार कर रही है। इस तरह वे कानून के शिकंजे से बचे रहे और उसे दुबारा पार्टी का टिकट दे दिया गया।

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समाचार संपादक
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