सारण: 70 दिनों के संपूर्ण लॉकडाउन ने कोरोना को कितना कमजोर किया ये तो पूरा देश जानता है, लेकिन एक गरीब किन परिस्थितियों से गुजरा या अब गुजरेगा ये बस वही जानता है। मामला छपरा के मुफस्सिल थाना क्षेत्र का है यहां रौज़ा के वार्ड संख्या 44 में कथित तौर पर लॉकडाउन की वजह से आर्थिक तंगी झेल रहे एक शख़्स ने आत्महत्या कर ली है।
कहा जा रहा है कि लॉकडाउन के कारण मृतक के सामने भीषण आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गयी थी, जिसकी वजह से वह कुछ दिनों से काफी परेशान चल रहा था। आत्महत्या करने वाले व्यक्ति का नाम सच्चितानंद साह है। मृतक सच्चितानंद के परिवार में कुल चार सदस्य हैं। सदस्यों में दो लड़की, एक बेटा उसकी पत्नी हैं।
बेटा-बेटी अभी स्कूल स्कूल में पढ़ाई करते हैं, जबकि पत्नी मानसिक रूप से बीमार है। बच्चों की पढ़ाई और मानसिक रूप से बीमार पत्नी का इलाज, सब कुछ अकेले सच्चितानंद की कमाई पर ही निर्भर था। लॉकडाउन की वजह से कमाई पर ब्रेक लग गया, जिसकी वजह से उसे परिवार चलाने में दिक्कतें आने लगी और उसने आत्महत्या कर लिया।
सच्चितानंद के आत्महत्या करने के बाद अब उसके परिजनों के सामने पहले से बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। अब ना कोई घर चलाने वाला है और ना ही कोई दूसरा है जो उन्हें सहारा दे सके। यहां तक की परिजनों को रहने के लिए एक अदद घर भी नहीं हैं। फिलहाल वो दूसरे के मकान में आसरा लेकर रह रहे हैं, जहां शायद अब उनके लिए रह पाना भी मुश्किल हो जाएगा।
बहरहाल, पुलिस ने कानूनी प्रक्रिया पुरी कर ली है और अब मौत के कारणों का पता लगाने में जुट गई है। हो सकता है मौत का कारण कुछ और हो, लेकिन ये बात सही है कि सच्चितानंद अब इस दुनिया में नहीं है। उसके पीछे एक भरा पूरा परिवार है जो अब सड़क पर आ गया है। ऐसे में समाज, सरकार और जिला प्रशासन सभी की जिम्मेदारी बनती है कि वो उस परिवार के लिए आगे आएं और जहां तक संभव हो सके उनकी मदद करें।