भारतवंशी कमला हैरिस बनीं डेमोक्रेटिक पार्टी से अमेरिकी उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार

वॉशिंगटनः अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति उम्मीदवार जो बिडेन ने ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारतीय मूल की कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार चुना है। बिडेन ने ट्वीट किया- मेरे लिए यह घोषणा करना बहुत सम्मान की बात है कि मैने कमला हैरिस को चुना है। वह एक निडर फाइटर, देश की बेहतरीन जनसेवक हैं।

अगर चुनावों में 78 साल के बिडेन की जीत होती है तो वे सबसे ज्यादा उम्र के राष्ट्रपति होंगे, जबकि हैरिस की उम्र अभी 55 साल है। हैरिस अभी सीनेट की सदस्य हैं। वे कैलिफोर्निया की अटार्नी जनरल रह चुकी हैं। अमेरिका के इतिहास में अभी तक केवल दो बार कोई महिला उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनी है। 1984 में डेमोक्रेट गेराल्डिन फेरारो और 2008 में रिपब्लिकन सारा पालिन को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया गया था। लेकिन किसी को भी जीत हासिल नहीं हुई। अमेरिका में 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने हैं।

मां भारतीय और पिता जमैका के

कमला हैरिस की पहचान भारतीय-अमेरिकन के तौर पर है। उनकी मां श्यामला गोपालन भारत के तमिलनाडु राज्य की थीं। वे कैंसर रिसर्चर थीं। कमला हैरिस के नाना पीवी गोपालन एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे। आजादी के बाद में वे एक सिविल सर्वेंट बने थे। कमला के पिता डोनाल्ड हैरिस जमैका के हैं।

कमला हैरिस ने कहा कि जो बिडेन अमेरिकी लोगों को एकजुट कर सकते हैं क्योंकि, उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी हमारे लिए लड़ने में बिताई है। राष्ट्रपति के तौर पर वह ऐसा अमेरिका बनाएंगे
जो हमारे आदर्शों के मुताबिक होगा।

बिडेन ने कमला हैरिस को ही क्यों चुना ?

कमला को डेमोक्रेट पार्टी नस्लीय समानता का प्रतीक बताती रही है। इसके लिए भूमिका बनाने का काम पिछले साल विस्कोन्सिन में शुरू हुआ था। तब डेमोक्रेटिक पार्टी कन्वेशन्श में बिडेन ने कहा था- कमला जितनी भारतीय मूल की हैं, उतनी ही अफ्रीकी मूल की भी हैं। यह साबित करता है कि अमेरिका में नस्लीय भेदभाव नहीं होता। वो काबिल हैं और उन्हें अमेरिकी संस्कृति की जड़ों की जानकारी है। आमतौर पर भारतीय मूल के लोग डेमोक्रेट्स के समर्थक माने जाते हैं। यही वजह है कि बराक ओबामा हों या जो बिडेन या फिर हिलेरी क्लिंटन। सभी ने भारतीयों को घरेलू राजनीति में तवज्जो दी।

डेमोक्रेटिक पार्टी की ऑन रिकॉर्ड मीटिंग्स में कमला कई बार जो बिडेन की आलोचना कर चुकी हैं। कमला ने पिछले साल कहा था- जब आप खुद के बारे में सोचते हैं तो उसके पहले राष्ट्र के बारे में सोचना चाहिए। हमें ये तय करना होगा कि ट्रम्प का विरोध करते हुए हम विदेश नीति को लेकर बहुत नर्म रवैया अख्तियार न करें। अमेरिका को अव्वल बनाए रखने के लिए सख्त और नर्म नीतियों में तालमेल रखना जरूरी है। रोचक बात ये है कि कमला जो बिडेन के बेटे की अच्छी मित्र हैं, लेकिन जो से उनके रिश्ते नीतियों को लेकर बहुत अच्छे नहीं हैं।

जो बिडेन और डेमोक्रेट पार्टी यह मैसेज देना चाहती है कि वो पार्टी में अलग राय और विरोध को भी तवज्जो देती है। यानी अगर कमला जो बिडेन की कुछ नीतियों से इत्तफाक नहीं रखती हैं तो भी उनका सम्मान है।