भुखमरी से हर माह दुनिया में हो रही 10 हजार से अधिक बच्चों की मौत- UN की रिपोर्ट

न्यूयार्क: दुनियाभर में कोरोनावायरस से मची तबाही के नतीजे अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं। जो देश गरीब थे वहां पर गरीबी बढ़ती जा रही है। जिन देशों में आर्थिक स्थिति ठीकठाक चल रही थी वो पटरी से उतर चुकी है।
गरीबी के कारण बच्चों की मौत हो रही है। यूएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोरोनावायरस महामारी के कारण हर महीने 10,000 से अधिक छोटे बच्चों की मौत भूख के कारण हो रही है। यूएन की इस रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।

कोरोना से भुखमरी बढ़ेगी

रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि कोरोनावायरस महामारी इस साल करीब 13 करोड़ अतिरिक्त लोगों को भुखमरी की ओर धकेल सकती है। उस रिपोर्ट में कहा गया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण हालात और खराब हो रहे हैं और करीब नौ में से एक व्यक्ति को भूखा रहना पड़ रहा है। कोरोना वायरस महामारी के कारण भुखमरी के खिलाफ अभियान एक तरह से थम गया है। पिछड़े देशों में स्वास्थ्यकर्मी और अन्य एजेंसियां कोविड-19 से निपटने में लगी हुई है और भूखे लोगों से एक तरह से ध्यान हट गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि गांव में उपजे उत्पाद बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं और गांव खाद्य और मेडिकल सप्लाई से कट चुके हैं। इस रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि कोरोना वायरस की वजह से हुई भोजन की आपूर्ति में कमी के कारण एक साल में लगभग 1,20,000 बच्चों की मौत हो सकती है। इस तरह के आंकड़ें सामने आने के बाद लोग हैरान है।

लाखों बच्चे हो रहे कुपोषण का शिकार

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, हर महीने 5,50,000 से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। संयुक्त राष्ट्र की चार एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि बढ़ते कुपोषण के दीर्घकालिक नतीजे हो सकते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के पोषण प्रमुख फ्रांसेस्को ब्रांका के मुताबिक, कोविड संकट का खाद्य सुरक्षा पर प्रभाव अब से कई वर्षों तक दिखता रहेगा। ब्रांका कहते हैं कि कोरोनावायरस का सामाजिक प्रभाव दिखने जा रहा है।