ऐतिहासिक- यूएई और इजरायल के बीच 72 साल की दुश्मनी खत्म, दोनों देश पूर्ण राजनयिक संबंध बहाल करेंगे

नई दिल्ली/टीम न्यूज़ स्टंप

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजरायल ने दशकों पुरानी दुश्मनी भुलाकर एक ऐतिहासिक समझौता किया है। इसके तहत इजरायल ने फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक इलाके में अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार हो गया है। वहीं, यूएई, इजरायल से पूर्ण राजनयिक संबंध बहाल करने को राजी हो गया। ऐसा करने वाला वह पहला खाड़ी देश बन गया है।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी घोषणा की। ओवल ऑफिस से ट्रंप ने कहा, “49 वर्षों के बाद, इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात अपने राजनयिक संबंधों को पूरी तरह से सामान्य करेंगे। अब जब बर्फ टूट गई है, तो मैं उम्मीद करता हूं कि अरब के और मुस्लिम देश भी यूएई का अनुसरण करेंगे।”

व्हाइट हाउस द्वारा जारी संयुक्त बयान में तीनों देशों का कहना है कि यह ऐतिहासिक राजनयिक सफलता मध्य पूर्व क्षेत्र में शांति को आगे बढ़ाएगी। वहीं इजरायल द्वारा यरुशलम में कब्जे वाले वेस्ट बैंक के बड़े हिस्से को छोड़ने पर सहमति जताई है।

ट्रंप ने बनाई थी समझौते की पूरी रणनीति

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा तैयार किए गए समझौते पर यूएई और इजरायल ने गुरुवार (13 अगस्त) को सहमति जताई। इस पर चर्चा के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, यूएई के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू में तीन-तरफा कॉल कॉन्फ्रेंसिंग हुई। ट्रंप के अलावा, समझौते के लिए मुख्य अमेरिकी मध्यस्थ राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार और दामाद जेरेड कुशनर, विशेष मध्य पूर्व दूत एवी बर्कोवित्ज
और अमेरिकी राजदूत डेविड फ्राइडमैन थे।

इस समझौते को अंतिम मुकाम तक पहुंचाने में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। समझौते के तहत इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधिमंडल आने वाले हफ्तों में निवेश, पर्यटन, सीधी उड़ान, सुरक्षा, दूरसंचार और अन्य मुद्दों पर द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। दोनों देश कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए भी भागीदार होंगे।

माना जा रहा है कि नवंबर के राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप के लिए यह एक दुर्लभ राजनयिक जीत है, क्योंकि अफगानिस्तान में युद्ध को समाप्त करने के उनके प्रयास अभी तक फल नहीं पाए हैं, जबकि इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच शांति के प्रयासों में भी कोई बढ़त नहीं है।

नेतन्याहू के लिए भी अहम

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के लिए भी यह घोषणा अहम है। ऐतिहासिक शांति समझौते से दुनियाभर के मुस्लिम देशों में न केवल इजरायल की स्वीकार्यता बढ़ेगी। इजरायल की सुरक्षा और गठबंधन सरकार की स्थिरता
को भी इससे लाभ पहुंचेगा। नेतन्याहू ने फिलिस्तीनियों की भूमि पर बस्तियों का निर्माण की मांग की है। ट्रंप के प्रस्ताव को स्वीकार किया है जो उन्हें अन्य क्षेत्रों में फिलिस्तीनियों को सीमित स्वायत्तता प्रदान करेगा। वहीं, इजरायल
वेस्ट बैंक इलाके में कब्जे की कार्रवाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाएगा।

72 साल की शत्रुता खत्म होगी

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने इसे एक ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि यह मध्य पूर्व में शांति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। अमेरिका को उम्मीद है कि यह बहादुर कदम समझौतों की श्रृंखला में पहला होगा
जिसमें 72 साल की शत्रुता खत्म होगी।