गुजरात विधानसभा चुनाव 2022: चरणबद्ध तरीके से प्रचार करेगी भाजपा, इन नेताओं को दी बड़ी जिम्मेदारी

नई दिल्लीः इस साल के अंत तक होने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने जोर शोर से अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। सूत्रों का कहना है कि एक रणनीति के तहत पार्टी ने चरणबद्ध तरीके से नेताओं को जिलेवार और सीटवार जिम्मेदारियां सौंपी है, जो अपने-अपने क्षेत्र में प्रचार करेंगे। 182 विधानसभा सीटों वाले राज्य को चार हीस्सों में विभाजित किया गया है, उत्तर क्षेत्र, पश्चिम क्षेत्र, मध्य क्षेत्र और सौराष्ट्र।

सूत्रों के अनुसार, राज्य के मंत्रियों, विधायकों, पूर्व विधायकों और आरएसएस पृष्ठभूमि के नेताओं को क्षेत्र और जिलेवार जिम्मेदारियां दी गई हैं। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश के नेताओं को क्रमशः सौराष्ट्र, पश्चिम, उत्तर और मध्य क्षेत्र सौंपा गया है।

मध्य प्रदेश से सटी कई सीटों पर अनुसूचित जनजातियों का बहुत महत्व है। इसे देखते हुए मध्य प्रदेश के दो नेताओं को दो-दो सीटें दी गई हैं। सूत्रों ने कहा कि वे राज्य इकाई और केंद्रीय नेतृत्व दोनों के साथ रिपोर्ट साझा करेंगे।

मध्य गुजरात क्षेत्र के सात जिलों की 37 सीटों को भाजपा के पूर्व विधायकों और मंत्रियों को सौंपा गया है। इन 37 सीटों पर फिलहाल बीजेपी का ही राज है। इसमें दाहोद, महिसागर, मेहसाणा और बड़ौदा शहरी और ग्रामीण जैसी सीटें शामिल हैं।

मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री नरोत्तम मिश्रा को बनासकांठा सीट सौंपी गई है। सूत्रों ने बताया कि उनके अलावा अरविंद सिंह भदौरिया और इंद्र सिंह परमार को क्रमश: भरूच और खेड़ा सीट दी गई है।

राजस्थान के प्रवासियों का उत्तरी गुजरात क्षेत्र में बहुत महत्व है, क्योंकि राज्य के 18-20 प्रतिशत मतदाता राजस्थान के प्रवासी हैं।

43 जिलों की नौ सीटों में कच्छ, भुज, गांधीनगर ग्रामीण और शहरी, बनासकांठा, पाटन, अहमदाबाद उत्तर और दक्षिण, मोडासा, मेहसाणा और साबरकांठा शामिल हैं। इसे देखते हुए बीजेपी ने राजस्थान के वरिष्ठ मंत्री सुशील कटारा समेत राजस्थान के नेताओं को क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी है।

सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने हर जिले में दो-दो प्रभारी हर सीट पर दो-दो प्रभारी नियुक्त किए हैं। साथ ही इनकी निगरानी के लिए उत्तर प्रदेश से एक प्रभारी भी नियुक्त किया गया है। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार के तीन वरिष्ठ मंत्रियों को वर्तमान में कांग्रेस के कब्जे वाली सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

सूत्रों के अनुसार मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को अंबासा, मांडवी, भुज, अंजार, गांधीधाम और रापर जिले का जिम्मा सौंपा गया है। राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी को जूनागढ़ निर्वाचन क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया है।

पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जूनागढ़, विसावदर, मंगरोल और मनावदार पर जीत दर्ज की थी, जबकि बीजेपी केवल केशोद सीट पर ही जीत हासिल कर पाई थी।

राज्य मंत्री जेपीएस राठौर को महिसागर जिले की बालासिनोर, लूनावाड़ा और संतरामपुर (एसटी) सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पिछले चुनाव में भाजपा ने संतरामपुर सीट जीती थी, और कांग्रेस ने बलानीसोर सीट जीती थी, जबकि लूनावाड़ा सीट एक निर्दलीय उम्मीदवार ने जीती थी।

राज्य मंत्री दयाशंकर सिंह को राजकोट जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है जिसमें ग्राम्या (एससी), जसदान, गोंडल, जेत्पू और धोराजी की सीटें शामिल हैं। राज्यसभा सांसद विजयपाल सिंग तोमर को सोमनाथ, तलाला, कोडिनार (एससी) और ऊना सीटें सौंपी गई हैं।

पिछले चुनाव में कांग्रेस ने चारों सीटों पर जीत हासिल की थी

गुजरात में बीजेपी पिछले 24 सालों से सत्ता में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद 12 साल 227 दिन तक मुख्यमंत्री रहे। उनसे पहले केशुभाई पटेल 216 दिनों तक राज्य के सीएम रहे थे। मोदी के बाद आनंदीबेन पटेल, विजय रूपानी और वर्तमान सीएम भूपेंद्र पटेल थे।

पिछले चुनावों के विपरीत, इस साल आम आदमी पार्टी (आप) भी दिल्ली के सीएम और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पूरी ताकत से चुनाव लड़ रही है, जिसने इसे त्रिकोणीय मुकाबला बना दिया है। हालांकि, सर्वेक्षणों के अनुसार, चुनाव में मुख्य मुकाबला अभी भी भाजपा और कांग्रेस के बीच ही है।

इससे पहले आज, ईसीआई ने हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। हालांकि, चुनाव आयोग ने गुजरात विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा नहीं की, जो इस साल के अंत तक होने की उम्मीद थी।

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