राजस्थान में चलेगी पहली प्राइवेट ट्रेन, 20% तक ज्यादा हो सकता है किराया

नई दिल्ली: रेल मंत्रालय ने हाल ही में देशभर में अलग-अलग रूट्स पर 224 प्राइवेट ट्रेनों को चलाए जाने को लेकर मंजूरी दे दी है। इनमें ट्रेनों को राज्यवार बांटा गया है।
राजस्थान क्लस्टर में 10 जोड़ी ट्रेनों को चलाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इनमें प्रदेश के चार शहरों से 9 शहरों के बीच ट्रेनें चलाई जाएंगी। इनमें जयपुर से मुंबई, दिल्ली, जैसलमेर और वैष्णो देवी के लिए प्राइवेट ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव शामिल है। साथ ही अजमेर, कोटा और जोधपुर से ट्रेनें चलाईं जाएंगी।

किराया और स्टॉपेज भी प्राइवेट कंपनी के हाथ में

अब इन रूट्स पर ट्रेन चलाने के लिए प्राइवेट कंपनियों को रिक्वेस्ट फॉर कोट (आरएफक्यू) जारी किया गया है। राजस्थान क्लस्टर में ट्रेन चलाने वाली प्राइवेट कंपनी को रेलवे को करीब 2300 करोड़ रुपए का भुगतान करना होगा। इसके बाद वे अपना मुनाफा कमा पाएंगी।

प्राइवेट कंपनियों के मुनाफे के लिए रेलवे ने उसे किराया तय करने के लेकर स्टॉपेज तक तय करने का अधिकार दिया है। रेलवे के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि प्राइवेट ट्रेनों का किराया हवाई जहाज के किराए से तो कम होगा। मगर सामान्य ट्रेनों से करीब 20 फीसदी अधिक होगा। अंतिम फैसला कंपनी का ही होगा।

नॉन टिकटिंग रेवेन्यू पर फोकस

कंपनी नॉन टिकटिंग रेवेन्यू पर ज्यादा फोकस करेगी। ऐसे में वो हाइजेनिक कैटरिंग सर्विस, ऑन-डिमांड फूड जैसे मदों में चार्ज वसूल करेगी। इसके साथ ही ट्रेन के अंदर सीट अलॉटमेंट में भी अतिरिक्त चार्ज वसूल किया जाएगा। इसमें लोअर और साइड लोअर बर्थ के लिए अतिरिक्त करीब 200 रुपए चार्ज वसूल किया जाएगा। मतलब इन ट्रेनों में न रियायत मिलेगी और ना ही किराए में किसी तरह की सब्सिडी दी जाएगी।

जयपुर से मुंबई के लिए सप्ताह में तीन दिन, बेंगलुरू के लिए रविवार, जैसलमेर के लिए शुक्रवार और वैष्णों देवी के लिए रोजाना ट्रेन चलाई जाएंगी। रेलवे इन ट्रेनों को सामान्य ट्रेनों से करीब 1 से 3 घंटे पहले पहुंचाने का दावा कर रहा है। प्राइवेट कंपनी ट्रेनों को उन्हीं स्टेशनों पर रोकेगी, जहां उसे यात्री ज्यादा मिलेंगे।