प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी उजागर, मुखिया समेत तीन के खिलाफ प्राथमिकी

सारणः देश भर में कोरोना से मचे हाहाकार के बीच गरिबों की हकमारी की एक ख़बर जिले के इसुआपुर प्रखण्ड से उजागर हुई है। यहां डटरा-पंचायत से प्रधानमंत्री आवास योजना में घोर फर्जीवाड़ा का मामले प्रकाश में आया है, जिसमें मुखिया संगम बाबा के घर में संचालित CSP पर 40 हजार के फर्जीवाड़े का आरोप लगा है।

दरअसल सहवाँ निवासी रूक्मणि कुंअर प्रधानमंत्री ग्राम आवास योजना लाभार्थी है। उनके द्वारा आरोप लगाया गया है कि स्थानीय मुखिया सरोज कुमार गिरी के भाई और CSP के एक कर्मचारी द्वारा उन्हेें धोखा देकर प्रधानमंत्री आवास योजना  के रूप में प्रप्त 40 हजार रूपए की राशि का गबन कर लिया गया है। इसे लेकर उन्होने उक्त CSP से जुड़े बैंक शाखा प्रबंधक को लिखित शिकायत देने के साथ ही मुखिया सरोज कुमार गिरी उर्फ संगम बाबा समेत तीन लोगों के खिलाफ इसुआपुर थाने में नामजद प्राथमिकि दर्ज कराई है।

रूक्मणि कुंअर का आरोप है कि उनके बैंक खाते में प्रधानमंत्री ग्राम आवास योजना का रुपया आया था, जिसमें से 40 हजार रूपया डटरा-पुरसौली पंचायत के वर्तमान मुखिया सरोज कुमार गिरी उर्फ संगम बाबा के भाई द्वारा धोखा देकर बैंक से निकाल लिया गया है।

रूक्मणि की माने तो डटरा-पंचायत के वर्तमान मुखिया सरोज कुमार गिरी के भाई उनके घर आए, और उन्हे बुलाकर मुखिया के घर ले गए। वह अपने बेटे चन्दन कुमार के साथ मुखिया के घर गई। वहां जाने पर मुखिया के भाई ने उनका बैंक खाता लेकर बैंक में बैठे बैंक कर्मचारी पप्पू कुमार को दें दिया और उनके अंगूठे का निशान भी ले लिए। इस बाबत उनसे कहा गया कि प्रधानमंत्री ग्राम आवास योजना का पैसा आया है जाँच करना है, ये प्रक्रिया जरूरी है।

सब कुछ हो जाने के बाद उनके द्वारा बोला गया कि आपका खाता होल्ड हो गया है, आप घर जाइये आपका खाता सही करके कल दे दिया जायेगा। रूक्मणि कुंअर अपने बेटे चन्दन कुमार घर आ गई। बाद में बैंक कर्मचारी पप्पू कुमार यादव द्वारा बैंक खाता मिल जाने के बाद जब बैंक खाता चेक करवाया तो उनके खाता में से दो बार 20000-20000 करके 40 हजार रुपया निकाल लियए गए थे।

जानकारी होने पर पीड़िता ने इसुआपुर थाना में प्रथमिकी दर्ज कराई है। इस बाबत आवास सहायक ने बताया कि रुक्मणि के पति के नाम से पूर्व में भुगतान होने के कारण उनका खाता होल्ड किया गया है। वहीं CSP संचालक विनय का कहना है कि उनके कहने पर उनके अकाउंट से पैसे ट्रांसफर किए गए हैं। अब सवाल यह है कि आखिर जब आवास सहायक को पता था कि रुक्मणि के पति के नाम से आवास आवंटन हुआ था, तो फिर उसके नाम से पैसा आया कैसे, दूसरा जब खाता होल्ड कर दिया गया तो निकासी कैसे हुई ?

इस सवाल को लेकर जब बीडीओ नीलिमा सहाय से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि CSP की की भुमिका संदिग्ध है, पूरे मामले के जांच के लिए जिला प्रशासन को लिखा गया है।