सम्‍पूर्ण तैयारी के बावजूद नोखा की बिजली व्‍यवस्‍था टांय टांय फिस्स

रोहतासः केंद्रीय उर्जा मंत्री आरके सिंह पूरा दम लगा चुके हैं कि देश की विद्युत व्यवस्था सुदृढ़ हो जाए। प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी वादा कर चुके हैं कि भरपूर बिजली मिलेगी, लेकिन अधिकारी हैं कि सब पर पानी फेर देते है। गर्मी पड़े तो लोड सेडिंग, हवा चले या बारिश हो तो फॉल्ट। जी हां ऐसी अनोखी स्थिति है नोखा की। यहां विद्युत विभाग के अधिकारीयों को बहाना चाहिए बिजली काटने की, जनता जिए अंधेरे में।

दरअसल बीते कुछ दिनों से हो रही हल्की बारिश एवं हवा के चलते यहां कि बिजली व्यवस्था बरसात से पहले हीं पूरी तरह चरमरा गई है। दिन में हवा और पानी को वजह बता कर घंटो बिजली की कटौती की जा रही है। अधिकारीयों से पुछे जाने पर कि बिजली में इस तरह की कटौती किन वजहों से की जा रही है? उनका सधा सा जवाब होता है कि हवा के कारण फॉल्ट आ गया  है, कोशिश की जा रही है जल्द ही सुधार कर लिया जाएगा।

चलो मान लिया हवा और वारीश की वजह से थोड़ी दिक्कत आ सकती है, लेकिन पिछले दिनों जब न आंधी थी न बारीश गर्मी शबाब पर थी, तब भी हालात ऐसे ही थे। दिन-दिन भर बिजली गायब रहती थी। पुछे जाने पर जवाब होता था कि बिजली काटकर मरम्मत कार्य चल रहा है। मरम्मत का काम हो जाने के बाद  नोखा की जनता को अब गर्मी – बारसात में बिजली की समस्याएं कम से कम फेस करनी होगी। लेकिन यहां सब उल्टा हो रहा है।

भीषण गर्मी में ये सोचकर कि एक बार मरम्मत का काम ठीक से हो जाए तो बिजली सही  तरीके से मिलेगी लोग शांत रहे, लेकिन बरसात से पहले जब हल्की बारिश हुई, तो बिजली गायब होने लगी। अब सवाल यह उठता है कि जब हल्की बारिश में बिजली की स्थिति ऐसी है, तो जब बरसात चरम पर होगा तो क्या होगा ? क्या मरम्मत के नाम पर पूरी गर्मी बिजली का काटा जाना विभाग का छलावा था ?

बताते चले कि बिजली कटौती के अलावें भी यहां विभाग की तरफ से घोर अनियमितताएं बरती जाती रही हैं, जिसका शिकार आम जनता होती रही है। मीटर रीडिंग में आए दिन गड़बड़ी देखने को मिलती हैं।  मीटर रीडिंग किये बिना ही उपभोक्ताओं से मनमाना वसूली की जा रही है। फिर चाहे उपभोक्ता ने उतनी बिजली कि खपत कि हो या नहीं उसे हर हाल में बिल भरना ही पडता है। यदि इस समस्या को लेकर उपभोक्ता बड़े पदाधिकारीयों के पास जाते है तो उनकी समस्याओं को सुलझाते- सुलझाते वर्षों लग जाते है फिर भी समस्या का समाधान नही हो पाता है।