जयपुर: राजस्थान की अशोक गहलोत कैबिनेट ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिए एक और संशोधित प्रस्ताव को बुधवार रात मंजूरी दी। इसमें 14 अगस्त से सत्र बुलाने का प्रस्ताव किया गया है। इससे सत्र आहूत करने के लिए 21 दिन के स्पष्ट नोटिस की अनिवार्यता पूरी हो जाएगी जिस पर राज्यपाल कलराज मिश्र बार-बार जोर दे रहे हैं।
बैठक के बाद परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा, ‘‘प्रस्ताव राज्यपाल के पास भेजा जा रहा है। मुझे पक्की उम्मीद है कि गतिरोध खत्म होगा और विधानसभा सत्र जल्द ही होगा।मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। वह प्रस्ताव राजस्थान के हित में है।’’
सरकार द्वारा सत्र के लिए प्रस्तावित तारीख का खुलासा करने से इनकार करते हुए खाचरियावास ने उम्मीद जताई कि राज्यपाल जल्द ही विधानसभा सत्र की तारीख घोषित करेंगे। ‘‘हमें पूरा विश्वास है कि है कि अब जो प्रस्ताव जा रहा है उस प्रस्ताव के आधार पर जल्द ही विधानसभा सत्र की तारीख घोषित करेंगे और वह विधानसभा सत्र जल्द से जल्द हो सकेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रस्ताव राज्यपाल के पास बनाकर भेज दिया गया है। मुझे पक्की उम्मीद है कि गतिरोध खत्म होगा और विधानसभा सत्र जल्द ही होगा।’’
राजभवन के बयान के अनुसार ‘‘यदि इस सत्र में राज्य सरकार को विश्वास मत हासिल करना है तो एकदूसरे से दूरी के साथ अल्प कालीन सत्र बुलाया जाना संभव है, जो कि अल्पसूचना पर सत्र बुलाये जाने का युक्तियुक्त कारण हो सकता है।’’
राजभवन की ओर से सरकार को एक और सलाह 21 दिन के नोटिस पर सदन का नियमित मानसून सत्र बुलाने की दी गयी है। बयान के अनुसार, ‘‘उपरोक्त परिस्थिति में उचित होगा कि राज्य सरकार वर्षाकालीन सत्र जैसे नियमित सत्र 21 दिन के नोटिस पर बुलाये।’’
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी ने भी बुधवार शाम राज्यपाल मिश्र से मुलाकात की। आधिकारिक रूप से इसे भी शिष्टाचार भेंट बताया गया है।