गाजियाबादः महानंद मिशन हरिजन कॉलेज एव पर्यावरण के क्षेत्र मे काम करने वाली देश की अग्रणी संस्था एनवायरनमेंट एंड सोशल डेवलपमेंट एसोसिएशन (ESDA) के बीच मे समझौता ज्ञापन (MoU) हस्ताक्षर किया गया। इस MoU पर कालिज की तरफ से प्रधानाचार्य प्रोफेसर पियूष चौहान एव संस्था की तरफ से महासचिव डॉ जितेंद्र नागर ने हस्ताक्षर किए तथा गवाह के रूप मे कालिज के विधि विभाग की शिक्षिका डॉ अपर्णा मलहोंत्रा एव समाज शास्त्र के शिक्षक डॉ राकेश राणा ने हस्ताक्षर किए।
कालिज के शिक्षक डॉ राकेश राणा ने बताया कि दोनों संगठनों ने इस समझौता ज्ञापन में वर्णित पर्यावरण और सतत विकास पर छात्रों के लिए प्रशिक्षण और अनुसंधान संबंधी गतिविधियों पर सहयोग के क्षेत्रों पर सहमति व्यक्त की है तथा दोनों संगठन जल संरक्षण और प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन शमन, वायु प्रदूषण नियंत्रण, अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छ ऊर्जा और टिकाऊ कृषि जैसे पर्यावरण के क्षेत्रों में अनुसंधान, जन जागरूकता और संवर्धन के लिए साझेदारी स्थापित करने पर सहमत हैं।
एनवायरनमेंट एंड सोशल डेवलपमेंट एसोसिएशन 2004 को दिल्ली में पंजीकृत एक गैर-सरकारी और गैर-लाभकारी आधारित राष्ट्रीय संगठन है, जो मुख्य रूप से पर्यावरण के संरक्षण और उन्नयन पर अनुसंधान और जन जागरूकता तथा वायु प्रदूषण प्रबंधन, जल सरक्षण, जलवायु परिवर्तन, हरित ऊर्जा, अपशिष्ट पदार्थ प्रबंधन, वृक्षारोपण, सतत विकास, सामाजिक उत्थान और लैंगिक समानता के लिए समर्पित है। संस्था ने 7 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (3 विश्व पर्यावरण शिखर सम्मेलन और 2 वैश्विक जल कांग्रेस), 15 राष्ट्रीय सम्मेलन और सेमिनार और 200 जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया है। संस्था ने जल क्रांति मिशन, त्योहार मनाओ पेड़ लगाओ, हिंडन बचाओ अभियान एव बेटी बचाओ आंदोलन जैसी मुहिम भी गाजियाबाद एव अन्य शहरों मे चला रखी है।
ESDA के महासचिव डॉ जितेंद्र नागर ने कहा कि दोनों संगठनों का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण सुरक्षा और सतत विकास लक्ष्यों (#SDG) के लिए अनुसंधान गतिविधियां और तकनीकी नवाचार, तथा छात्र-छात्रों, शोधकर्ताओं, संकायों और आम जनता के बीच पर्यावरण और सामाजिक मुद्दों के बारे में व्यापक जागरूकता पैदा करना; जमीनी कार्य के साथ पर्यावरणीय चिंताओं के विषयों पर राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन, संगोष्ठिया, सेमिनार, कार्यशालाएँ, प्रशिक्षण, बैठक आदि जैसे विभिन्न शैक्षणिक और वैज्ञानिक गतिविधियों को आयोजित करना होगा। वर्तमान मे जलवायु परिवर्तन, वैश्विक तपन, वायु प्रदूषण, पानी की कमी, इलेक्ट्रॉनिक कचरा जैसी वैश्विक समस्या अहमारे सामने है जिसके लिए सरकारी, गैर सरकारी संस्था एव शैक्षिक केंद्रों को मिलकर काम करना होगा।
कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रोफेसर पियूष चौहान ने इस हस्ताक्षर गापन पर बहुत खुशी व्यक्त की और उन्होंने कहा कि यह समझोंता एक मील का पत्थर साबित होगा। इससे हमारे छात्र-छात्रों को दुनिया के पर्यावरणीय मूददों की जानकारी होगी और जमीन पर कुछ कार्य करने का मोका भी मिलेगा। हम संस्था के साथ मिलकर वृक्षारोपण, जल संरक्षण एव हिंडन नदी को बचाने के लिए कार्य करेंगे।