जयपुरः भाजपा विधायक मदन दिलावर और बसपा ने मंगलवार को राजस्थान उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष एक याचिका दायर की है। याचिका में इसके एकल पीठ के उस फैसले को चुनौती दी गई, जिसने बसपा ‘छोड़ने वाले’ छह विधायकों के कांग्रेस विधायक के तौर पर काम करने पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था।
दिलावर और बसपा ने इससे पहले उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर राज्य विधानसभा के अध्यक्ष सी. पी. जोशी के सितम्बर 2019 के निर्णय को चुनौती दी थी, जिन्होंने बसपा के छह विधायकों को सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल करने की अनुमति दे दी थी।
भाजपा विधायक दिलावर और बहुजन समाज पार्टी की याचिकाओं पर न्यायमूर्ति महेन्द्र कुमार गोयल की एकल पीठ ने 30 जुलाई को विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा के सचिव और बसपा छोड़ने वाले छह विधायकों नोटिस जारी कर 11 अगस्त तक उसका जवाब देने को कहा था।
न्यायमूर्ति गोयल ने बहरहाल, याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत देने और बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस विधायक के तौर पर सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने से रोकने की दलील को स्वीकार नहीं किया।
दिलावर और बसपा के राष्ट्रीय सचिव सतीश मिश्रा ने मंगलवार को अलग-अलग अपील दायर की और मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष उनकी याचिकाओं को शीघ्र सूचीबद्ध करने का आग्रह किया।
बसपा के छह विधायक- संदीप यादव, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, लाखन मीणा, जोगेन्द्र अवाना और राजेन्द्र गुधा पिछले वर्ष सितम्बर में पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे और कांग्रेस में उनके शामिल होने से 200 सदस्यीय सदन में सत्तारूढ़ दल के विधायकों की संख्या 107 हो गई। राजस्थान विधानसभा सत्र 14 अगस्त से होने वाला है।