नहीं रहे बिहारी माटी के लाल रघुवंश प्रसाद सिंह, दिल्‍ली के AIIMS में ली अंतिम सांस

पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री और लालू यादव के करीबी रघुवंश प्रसाद सिंह का आज दिल्‍ली के AIIMS में देहांत हो गया। वे वेंटिलेटर पर थे। उनके निधन पर बिहार में शोक की लहर है। उनके निधन पर शोक संवेदानाओं का तांता लगा हुआ है। मौत के कुछ दिनों पहले ही उन्‍होंने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से अपना पुराना नाता तोड़ लिया था। उन्‍होंने आइसीयू से ही आरजेडी इस्‍तीफा देने का अपना पत्र जारी कर बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सियासी हड़कम्‍प मचा दिया था। उनका पार्थिव शरीर देर शाम पटना लाश जाएगा। उनका अंतिम संस्‍कार वैशाली में सोमवार को किया जाएगा।

मोदी ने वर्चुअल रैली में दी श्रद्धांजलि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जमीन से जुड़ा और गरीबी को समझने वाला नेता चला गया। जिस विचारधारा से जुड़े, उसी को जीवन भर जिया। उनके स्वास्थ्य लाभ के लिए लगातार चिंता करता था। उम्मीद थी कि वे जल्द ठीक होकर बिहार की सेवा में लग जाएंगे। वे जिन आदर्शों के साथ चल रहे थे, उनके साथ चलना अब संभव नहीं था। उन्होंने इसे प्रकट भी कर दिया था। बिहार के सीएम को राज्य के विकास को लेकर चिट्ठी भेजी। नीतीशजी से आग्रह करूंगा रघुवंश ने आखिरी चिट्ठी में जो भावनाएं प्रकट की हैं, उसे आप और हम मिलकर पूरा करने का निश्चय करें।

74 वर्ष के थे रघुवंश प्रसाद सिंह

पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह का रविवार को 74 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। दो दिनों पहले उनकी हालत बिगड़ गई थी। उन्‍होंने दिल्ली के एम्स के आइसीयू वार्ड में रविवार की सुबह अंतिम सांस ली। सांस लेने में परेशानी होने के बाद उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। इसके पहले कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उनका पटना के एम्स में इलाज किया गया था। कुछ ठीक होने के बाद उन्हें पोस्ट कोविड मर्ज के इलाज के लिए दिल्ली एम्स ले जाया गया था।

जीवन के अंतिम दौर में आरजेडी से मोहभंग

रघुवंश पसाद सिंह पटना एम्‍स में इलाज के दौरान ही आरजेडी के उपाध्‍यक्ष सहित पार्टी के तमाम पदों से इस्‍तीफा दे दिया था। उन्‍हें मनाने की कोशिशें चल ही रहीं थीं कि वे फिर बीमार पड़ गए। इस बार दिल्‍ली एम्‍स में इलाज के दौरान उन्‍होंने 10 सितंबर को पार्टी से भी इस्‍तीफा दे दिया। रघुवंश के इस्‍तीफे को पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने स्‍वीकार नहीं किया। वे पार्टी में अपने विरोधी रामा सिंह (Rama Singh) की एंट्री की कोशिशों से नाराज चल रहे थे।

1977 से लगातार सियासत में रहे रघुवंश

रघुवंश प्रसाद सिंह साल 1977 से लगातार सियासत में रहे। वे लालू प्रसाद यादव के करीबी व उनके संकटमोचक माने जाते रहे। पार्टी में उन्‍हें दूसरा लालू भी माना जाता था। वे लगातार चार बार वैशाली से सांसद रहे। यूपीए की सरकार में मंत्री भी रहे। विपक्ष में रहते हुए वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार को घेरने में सबसे आगे रहे।