बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने खोल दी नीतीश सरकार की पोल

पटनाः बिहार प्रदेश काँग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने नीतीश सरकार पर बड़ा सियासी हमला बोला है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि नीतीश कुमार मजदूरों को बिहार से बाहर रोककर अपनी 15 वर्षों की विफलताओं को ढँकने की कोशिश कर रहे हैं। अगर सभी मजदूर एक साथ बिहार आ गए, तो सरकार की सारी पोल-पट्टी खुल जाएगी। कादरी ने नीतीश कुमार के पुराने चुनावी नारा पर चुटकी लेते हुए कहा “बिहार बेरोजगार है, नीतीशे कुमार है”

लाखों बिहारी मजदूर चाहते हैं अपनों के पास आना

कादरी का कहना है कि बिहार में सर्वाधिक 59% नौजवानों की आबादी है। उन में से लाखों युवा मजदूर के रूप में दूसरे प्रदेशों में मजदूरी करने को विवश हैं। कोरोना संकट के इस दौर में वो लाखों बिहारी मजदूर भाई अपनों के पास आना चाहते हैं, साथ ही तबाह हो चुकी अर्थव्यवस्था में उनके वापस जाने की गुंजाइश भी नहीं है। उनमें घबराहट इतनी है कि वो पुनः वापस जाने को भी तैयार नहीं हैं।

बिहार सरकार के पास इतना संसाधन नहीं कि मजदूरों की मदद कर पाए

इनके पुनर्वास, रोजगार व जीने योग्य बाजार तक, ना तो राज्य सरकार ने विकसित किया है, ना ही सरकार के पास इतना संसाधन है कि उनकी मदद कर पाएं। कोई उद्योग धंधा ना तो इस 15 वर्षीय सरकार में विकसित किया गया, जिससे रोजगार के साधन बनें और ना ही कृषि के लिए किसानों को सहायता देकर प्रोत्साहित किया गया।

नीतीश सरकार में कृषि कार्य भी पूरी तरह चौपट

क्या कोई बहाना बचता है कि 15 वर्षों में वो एक भी उद्योग क्यों नहीं लगाए पाए या लाने का प्रयास किया। बल्कि जो चीनी मील और कुछ उद्योग चल भी रहे थे उन्हें भी बन्द करने पर मजबूर कर दिया। कृषि को भी पूरी तरह चौपट कर ही दिया।

मजदूरों के लौटने से नीतीश कुमार को चुनाव में हार का डर

शायद इसलिए भी बिहार की सरकार मेहनतकश मजदूरों को वापस बिहार आने नहीं देना चाहती। बड़े शहरों से लौटे मजदूर, बिहार की कुव्यवस्था झट से समझ जाएंगे। ऐसे में इस चुनाव में वो वोट भी करेंगे तो नीतीश सरकार की रुखसती तय है। माननीय मुख्यमंत्री व इनके उपमुखिया साथी कभी नहीं चाहते की प्रवासी बिहारी मजदूर भाई कभी वापस आएं।

लालू-राबड़ी सरकार में पलायन नहीं करते थे प्रदेश के युवा

उन्होंने की लालू-राबड़ी सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि आज जो लोग सत्ता में बैठे हैं वो लोग इससे पहले 15 वर्षों तक लालू-राबड़ी को इसी नाम पर कोसते भी रहे कि सूबे में रोजगार नहीं है, रोजगार सृजन पर सरकार का ध्यान नहीं है। लेकिन तब युवा पलायन कर रहे थे। तो अब क्या दिख रहा है? लाखों लाख की संख्या में बेरोजगार, मजदूर छात्र लौटने को तड़प रहे हैं। यदि बिहार में पिछले 15 वर्षों में रोजगार सृजन के काम होते तो ऐसे दिन नहीं देखने पड़ते। आज 15 वर्षों के नितीश जी के शासन में, बेरोजगारी की समस्या पूर्व की तुलना में और भयावह हो गयी।

भाजपा गरीब, मजदूर, किसान विरोधी रवैये के लिए कुख्यात

उन्हों ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि यह पूरी पार्टी ही गरीब, मजदूर, किसान विरोधी रवैये के लिए कुख्यात है और बिहार के हुक्मरानों की भी कोई इच्छा नहीं है कि किसी भी तरीके से ये गरीब मजदूर किसान भाई वापस आ सकें। शायद आगामी चुनावों में बिहार समेत सभी प्रदेशों में बदलते चुनावी सामाजिक डेमोग्राफी का खामियाजा भुगतने का भी डर है सत्ताधीशों को।

अभय पाण्डेय
अभय पाण्डेय
आप एक युवा पत्रकार हैं। देश के कई प्रतिष्ठित समाचार चैनलों, अखबारों और पत्रिकाओं को बतौर संवाददाता अपनी सेवाएं दे चुके अभय ने वर्ष 2004 में PTN News के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। इनकी कई ख़बरों ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी हैं।