Corona vaccine को लेकर रूस के दावे से बदल सकती है दुनिया की तस्वीर!

मॉस्कोः कोरोना से जुड़ी बुरी खबरों ने लोगों को खौफजदा कर दिया है। आलम यह है कि जागते-सोते हर वक्त लोग इसी के बारे में सोच कर परेशान हुए जा रहे है। ऐसे में सभी को उस वैक्सीन का इंतजार है, जिससे कोरोना से बचा जा सकता है। लोगों के उसी परेशानी और खौफ को चिरती शुकुन भरी एक ख़बर रूस से आ रही है। ख़बर है कि रूस दो हफ्तों से भी कम समय में दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) को मंजूरी दे सकता है। यह जानकारी सीएनएन (CNN) ने अपनी रिपोर्ट में दी है।

दुनिया की इस पहली कोरोना वैक्सीन को मॉस्को स्थित गमलेया इंस्टीट्यूट ने बनाया है। CNN के रिपोर्ट के मुताबिक वैक्सीन को लेकर रूसी अधिकारियों ने बताया है कि वे वैक्सीन की मंजूरी के लिए 10 अगस्त या उससे पहले की तारीख पर काम कर रहे हैं। मंजुरी मिलने के बाद वैक्सीन सबसे पहले फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स को दी जाएगी उसके बाद उसे पब्लिक यूज के लिए मंजूरी दी जाएगी।

हालांकि, रूस ने कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) के ट्रायल से जुड़ा कोई डेटा अभी तक जारी नहीं किया है। इसलिए रुसी वैक्सीन की सार्थकता को लेकर तमाम तरह के वैश्विक विवाद भी चल रहे हैं। आलोचकों का कहना है कि रूस खुद को एक वैश्विक वैज्ञानिक शक्ति के रूप में दर्शाने के लिए उत्सुक है। उस पर जल्द वैक्सीन लाने का राजनीतिक दबाव है। इसके अलावा वैक्सीन के अधूरे ह्यूमन ट्रायल पर भी सवाल उठ रहे हैं। इस वजह से इसकी प्रभावशीलता के बारे में टिप्पणी नहीं की जा सकती है।

इस संदर्भ में रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि वैक्सीन ह्यूमैन ट्रायल की प्रक्रिया से गुजर चुकी है। रूसी सैनिकों ने ह्मयूमन ट्रायल में वॉलंटियर्स के रूप में काम किया है। इसके अलावें परियोजना के निदेशक अलेक्जेंडर गिन्सबर्ग ने खुद ये वैक्सीन ली है। अधिकारियों का कहना है कि वैश्विक महामारी और रूस में बढ़ते कोरोनो मामलों के मद्देनज़प दवा को मंजूरी देने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। रूस में अबतक 82 लाख से ज्यादा कोरोना मामले सामने आ चुके हैं।

बता दें दुनिया भर में दर्जनों कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) का ट्रायल चल रहा है। भारत सहित चीन, ब्रिटेन, अमेरीका जैसे देशों में कोरोना वैक्सीन का ह्यूमैन ट्रायल किया जा रहा है। वहीं रूसी वैज्ञानिकों का कहना है कि वैक्सीन जल्दी तैयार कर ली गई, क्योंकि यह पहले से ही इस तरह की अन्य बीमारियों से लड़ने में सक्षम है। यही दृष्टिकोण कई अन्य देशों और कंपनियों का है। बहरहाल, रुस का दावा अगर सही है तो निश्चित तौर पर कोरोना अब अपने अंतीम पड़ाव पर है।

News Stump
News Stumphttps://www.newsstump.com
With the system... Against the system