बलिया पत्रकार हत्या- पिता बोले SO की गिरफ्तारी तक नहीं उठने दूंगा बेटे की अर्थी

बलियाः पत्रकार रतन सिंह की हत्या के मामले में पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ़्तार किया है। DIG आजमगढ़ के मुताबिक़ पत्रकार रतन सिंह की हत्या के मामले में पत्रकारिता से कोई संबंध नहीं है और मामला दो पक्षों के बीच भूमि विवाद का है। वहीं पत्रकार रतन सिंह के पिता ने इस मामले में पुलिसवालों की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। रतन सिंह की हत्या के मामले में पुलिस सवालों के घेरे में है। पत्रकार के पिता ने कहा है कि इस हत्याकांड के लिए सीधे फेफना एसएचओ जिम्मेदार हैं। उन्होंने एसएचओ की गिरफ्तारी की मांग की है।

दिवंगत पत्रकार रतन सिंह के पिता ने फेफना थानाध्यक्ष शशिमौलि पांडेय पर संगीन आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि शशिमौलि के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया जाए। इसके साथ ही रतन सिंह के पिता ने आरोप लगाया है कि उनके बेटे की हत्या की साजिश में तत्कालीन फेफना थानाध्यक्ष शशिमौलि पांडेय की भूमिका संदिग्ध रही है। उन्होंने कहा कि जब तक सीएम नहीं आएंगे, मैं अपने बेटे की अर्थी नहीं उठने दूंगा।

रतन सिंह की बहन का कहना है कि इससे पहले उनके एक और भाई की हत्या हुई थी। उन्होंने कहा, ‘मेरे दो भाइयों की हत्या कर दी गई। दोनों भाइयों के छोटे-छोटे बच्चे हैं। मां-बाप बूढ़े हैं। उनका कौन ख्याल रखेगा। प्रशासन क्या कर रहा है, जो इस तरह से मेरे भाई की हत्या कर दी गई।’

दोषियों को नहीं छोड़ेंगे- मंत्री आनंद स्वरुप शुक्ला

इस बीच टीवी पत्रकार रतन सिंह की हत्या के मामले में पोस्टमॉर्टम हाउस पहुंचे संसदीय राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने कहा, ‘थानाध्यक्ष शशिमौलि को सस्पेंड कर दिया गया है। आगे भी किसी विवेचना के बाद किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा। कानून अपना काम करेगा।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मुख्यमंत्री से वह अनुरोध करेंगे कि मुवावजे की धनराशि को बढ़ाया जाए। रतन सिंह की पत्नी को सरकारी नौकरी की व्यवस्था पर विचार किया जा रहा है।’ इस मामले में रतन सिंह के परिवार को दस लाख के मुआवजे का ऐलान मुख्यमंत्री ने किया है।

पत्रकार रतन सिंह की हत्या को विपक्ष ने क़ानून-व्यवस्था का मुद्दा बनाकर राज्य सरकार से सवाल किए हैं। बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में अपराध का ग्राफ़ लगातार बढ़ रहा है और अब पत्रकारों को भी निशाने पर लिया जा रहा है।