कराटे कप्तान और कोच अनिकेत गुप्ता ने संघ के रवैये पर उठाये सवाल

नई दिल्ली: विश्व कराटे महासंघ (WKF) ने नियमों का पालन नहीं करने के कारण भारतीय कराटे संघ (KAI) की अस्थाई तौर पर मान्यता रद्द कर दी है। यह फैसला पिछले साल जनवरी मे हुए चुनाव के दौरान नियमों का पालन नहीं करने के कारण लिया गया है। विश्व कराटे संस्था ने साफ किया है कि वह भारतीय कराटे संघ के अंदरूनी कलह से खुश नहीं हैं। विश्व कराटे महासंघ (WKF) का फैसला आने के बाद भारतीय कराटे टीम के कप्तान और कोच अनिकेत गुप्ता काफी निराश हैं।

WKF के मुताबिक अस्थाई तौर पर भारतीय कराटे संघ (KAI) की मान्यता रद्द करने का फैसला पूरी जांच प्रक्रिया के बाद किया गया है। विश्व कराटे महासंघ के प्रमुख एंटोनियो एस्पिनोस ने भारतीय कराटे संघ के अध्यक्ष हरिप्रसाद पटनायक को पत्र भेजकर यह जानकारी दी।

अनिकेत का साक्षात्कार बना खेल पेज की लीड स्टोरी

द डेली गार्जियन‘ को दिए अपने इंटरव्यू में अनिकेत गुप्ता ने भारतीय कराटे संघ के रवैये पर नाराजगी जाहिर की। साथ ही, उन्होंने मैनेजमेंट के अंदर की राजनीति को लेकर कई सवाल खड़े किए। अनिकेत के इंटरव्यू को ‘द डेली गार्जियन’ ने अपने खेल पेज पर लीड स्टोरी के तौर पर छापा है। शायद ही भारत में खेल पेज की लीड स्टोरी के तौर पर क्रिकेट के अलावा किस अन्य खेल को छापा गया हो। मीडिया की यह नीति अनिकेत की बात को अधिक पुख्ता करती है।

अनिकेत गुप्ता ने कहा, “यह काफी चौंकाने वाला फैसला है। लेकिन अभी महामारी के कारण जिस तरह से सभी खेल गतिविधियां रुकी हुई है। उम्मीद है कि केएआई सारे जरुरी कागजात आईओए को मुहैया करा देगा और सब कुछ सही हो जाएगा।”

भारत में खेल कल्चर का अभाव

अनिकेत ने कहा, “भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है। बेहतर कोच का अभाव है। भारत में खेल कल्चर का अभाव है। यह यूरोपीय देशों से खेल के मामले में काफी पीछे होने प्रमुख कारण है।”

उन्होंने खेल में अंदरुनी राजनीति पर भी सवाल खड़े किए और कहा कि राजनीति खेलों के लिए सबसे बड़ी समस्या है अनिकेत के सुझाव है कि भारत में राष्ट्रीय स्तर पर खेल कल्चर को बढ़ावा देने की जरुरत है। उसके साथ हीं खेलों को स्कूलों ज्यादा तरजीह दिए जाने की जरुरत है। इसके लिए जितने भी अभिभावक, शिक्षक और सभी लोगों को खेल को प्रमोट करने की जरुरत है। राज्यों मे अधिक से अधिक खेल सेंटर बनाए जाने की जरुरत है।

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