एडवेंचर टूरिज्म को विशिष्ट पर्यटन के तौर पर मान्यता, बिहार को भी मिलेगा लाभ

नई दिल्लीः पर्यटन मंत्रालय ने साहसिक पर्यटन को एक विशिष्ट पर्यटन उत्पाद के तौर पर मान्यता दी है। साहसिक पर्यटन में पानी में होने वाली रोमांचक खेल गतिविधियां भी शामिल हैं। इसका उद्देश्य बिहार (Adventure Tourism in Bihar) समेत पूरे भारत को साल भर का पर्यटन केंद्र बनाया जाना है। इससे रोमांच से भरे पर्यटन (Adventure Tourism) में विशेष दिलचस्पी रखने वाले पर्यटकों को लुभाया जा सकेगा। यह जानकारी गुरुवार को राज्य सभा में पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने एक प्रश्‍न के लिखित उत्‍तर में दी है।

वैश्विक तौर पर भारत को साहसिक पर्यटन का प्राथमिक केंद्र बनाने के लिए पर्यटन मंत्रालय ने साहसिक पर्यटन की राष्ट्रीय रणनीति भी बनाई है। पर्यटन सचिव की अध्यक्षता में ‘नेशनल बोर्ड फॉर एडवेंचर टूरिज्म’ का गठन भी किया गया है, जिसमें कुछ चिन्हित मंत्रालयों/संगठनों, राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों और पर्यटन उद्योग से संबंधित प्रतिनिधि भी शामिल हैं। इस बोर्ड का उद्देश्य साहसी पर्यटन को विकसित और प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई रणनीति को लागू करना है।

क्या है इसकी रणनीति

  • विस्तृत कार्ययोजना और विशेष योजना का निर्माण
  • प्रमाणन योजना
  • सुरक्षा दिशा-निर्देश
  • क्षमता निर्माण, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर प्रचलित चलन का प्रतिपालन
  • राज्य नीतियों का विश्लेषण और रैंकिंग
  • प्रचार और प्रोत्साहन
  • गंतव्य और उत्पाद विकास
  • निजी क्षेत्र की भागीदारी
  • साहसिक पर्यटन हेतु विशेष रणनीति का निर्माण
  • देश में साहसिक पर्यटन के विकास के लिए कोई अन्य उपाय

इसके अलावा, स्वदेश दर्शन के तहत, वित्तीय मदद के लिए तटीय सर्किट को चुना गया है। इस योजना में राज्यों को अवसंरचना विकास के लिए वित्तीय मदद उपलब्ध कराई जाती है। इन सबके अलावा राष्ट्रीय जल क्रीड़ा संस्थान (NIWS), गोवा के जरिए पर्यटन मंत्रालय कई जल क्रीड़ा संचालकों को प्रशिक्षण भी उपलब्ध करवा रहा है, इस कवायद में इन्हें कई तरह के कौशल विकास कोर्स करवाए जाते हैं और प्रमाणपत्र दिया जाता है।

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