रोहतास के नोखा प्रखंड में 15 दिनों में 20 सुअरों की मौत, इलाके में हड़कंप

रोहतासः देश भर में फैल रहे कोरोना के कहर के बीच इस वक्त की बड़ी ख़बर जिले के नोखा प्रखंड से सामने आ रही हैं। यहां वार्ड संख्या 13, 5 एवं 10 स्थित महादलित मुहल्लों में पिछले 15 दिनों में 20 से अधिक सुअरों की मौत होने की ख़बर है। बुधवार की सुबह एक साथ 4 सुअरों की मौत हो चुकी है। मौत से पहले सुअरों के शरीर मे कंपकपी के लक्षण दिखाई पड़ रहे हैं, फिर कुछ घण्टों के बाद उनकी मौत हो जा रही है।

इधर लगातार हो रहे सुअरों की मौत की जानकारी मिलने के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है। घबराए पशुपालकों ने पहले इसकी सूचना स्थानीय स्तर पर संबंधित विभाग एवं पदाधिकारियों को दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। बाद में इसकी जानकारी जिले में तैनात अधिकारीयों दी गई।

 डॉक्टरों और अधिकारियों ने लिया स्थिति का जायजा

जानकारी पाकर जिला पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अरविंद कुमार, पशुपालन विभाग के सहायक निर्देशक डॉ अरुण कुमार और डॉ. राकेश कुमार ने कार्यपालक पदाधिकारी सुशिल कुमार के साथ घोसियाँ के दलित टोला पहुचकर स्थिति का जायजा लिया।

सुवरों में पाया गया स्वाइन और मौसमी बुखार का असर

इस बाबत पशुपालन चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर अरविंद कुमार ने बताया कि सुअरों में स्वाइन और मौसमी बुखार का असर देखा गया है जिसके लिए एंटीबायोटिक दवा व सुई दी चुकी है। उनहों ने कहा कि इन सभी जानवरो का ब्लड सैम्पल भी लिया गया है जिसे जांच के लिए पटना भेज जाएगा, ताकि बिमारी का सही पता चल सके और बेहतर इलाज किया जा सके।

नगर पंचायत प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप

वहीं पिड़ित पशुपालकों ने नगर पंचायत प्रशासन को सूचना देने के बावजूद  इसे गंभीरता से नहीं लेने व लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। लोगों का कहना है कि अगर नगर पंचायत ने इसे पहले ही गंभीरता से लिया होता, तो शायद इतने तादाद में सुअरों की मौत नहीं हुई होती।

लोग जता रहे हैं स्वाइन फ्लू का अंदेशा

जिस तरह से देश भर के लोगों के दिलों में कोरोना ने खौफ पैदा किया है, वैसे हीं इन सुअरों की मौत के बाद लोग इस बात से खौफजदा हो गए हैं कि कहीं यह स्वाइन फ्लू का संकेत तो नहीं। कोरोना से बचने के लिए तरह-तरह के जनतन करने वाले लोग अब स्वाइन फ्लू से बचने के तरकिब ढूंढने लगे हैं।